कोरोना महामारी के चलते बंद किए गए इंडियन रेलवे को करीब 50 दिनों बाद दोबारा शुरुआत करने के बाद अब दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने भी दिल्ली मेट्रो को चालू करने के संकेत दिए हैं। डीएमआरसी ने ट्वीट करते हुए सोमवार को कहा कि पैसेंजर्स के मूवमेंट वाले क्षेत्रों में साफ-सफाई के लिए विशेष तौर पर प्रशिक्षित हाउस कीपिंग स्टाफ को लगाया गया है।
डीएमआरसी ने आगे कहा कि ऑपरेशन शुरू होने पर मेट्रो परिसर के अंदर एएफसी गेट्स, लिफ्ट्स और एस्कलेटर्स की सफाई के लिए प्रशिक्षित स्टाफ को रखा गया है। गौरतलब है कि दिल्ली मेट्रो राजधानी की लाइफलाइन मानी जाती है। लेकिन, दिल्ली मेट्रो को पहली बार 22 मार्च को बंद किया गया, जिसके बाद मेट्रो का परिचालन बंद है। इसी दिन पीएम मोदी की तरफ से देश में जनता कर्फ्यू का ऐलान किया गया था।
Specially trained housekeeping staffs are deployed in stations to clean passenger movement areas and associated equipment such as AFC gates, lifts and escalators to begin safe operations. pic.twitter.com/E6z3Lof3Oa
— Delhi Metro Rail Corporation (@OfficialDMRC) May 11, 2020
CISF ने दोबारा मेट्रो सर्विस शुरू करने के लिए बनाई योजना
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन खत्म होने के बाद यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य स्थान पर पहुंचाने के लिए दिल्ली मेट्रो ने अपने नियमों में कुछ बदलाव किए है। जिसके बाद बिना मास्क और आरोग्य सेतु एप के आप दिल्ली मेट्रो में सफर नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही, बेल्ट या धातु की कोई और चीज आपको स्कीनिंग के वक्त उतारना पड़ेगा।
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केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने जो प्रस्ताव दिए हैं उसके मुताबिक, दिल्ली मेट्रो के प्लेटफॉर्म पर प्रवेश करने वाले सभी यात्रियों के लिए मास्क और आरोग्य सेतु एप को अनिवार्य करने की सिफारिश की गई है। सीआईएसएफ की तरफ से यह कहा गया कि प्रत्येक प्रवेश द्वार पर थर्मल स्क्रीनिंग के बाद अगर किसी का तापमान असामान्य पाया जाएगा या फिर फ्लू या जुकाम के लक्षण पाए जाएंगे तो उसे मेट्रो ट्रेन में सफर करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
सीआईएसएफ के प्रस्ताव में यह कहा गया है, “आरोग्य एप और उसके अंदर ई-पास के जरिए संदिग्ध कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की जा सकेगी। खरतनाक बीमारी से संक्रमित लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए मेट्रो को इसका इस्तेमाल करना चाहिए।” हालांकि, अगर किसी के पास मोबाइल नहीं है या उसने आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड नहीं किया है तो उसे प्रवेश करने से नहीं रोका जाएगा।
सीआईएसएफ के डीजी राजेश रंजन ने हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा, “आरोग्य सेतु एप एक अच्छी तकनीक है जो संभावित कोविड-19 मरीज को ट्रैक करने पर आधारित है। हम सभी यात्रियों को इसकी सिफारिश करते हैं जो ई-पास की तरह काम करेगा। संक्रमण को रोकने के लिए कोविड-19 मरीजों की पहचान आवश्यक है। इसकी सफलता लोगों की सच्चाई पर निर्भर करती है कि वे इस एप में क्या सूचना देते हैं।”
सीआईएसएफ ने यह भी सुझाव दिया है कि सभी यात्रियों को धातु वाली चीजें जैसे- बेल्ट और बकल्स को उतारकर अपने बैग में रखना होगा और स्क्रीनिंग मशीन में स्कैन कराना होगा। इसमें कहा गया कि सभी स्टेशनों पर दूरी का कड़ाई से पालन किया जाएगा सुरक्षा जांच से पहले पर्याप्त लाईन के लिए जगह सुनिश्चित की जाएगी।
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प्रस्ताव में आगे कहा गया है कि यात्रियों को सुरक्षा स्क्रीनिंग की जगह और लाइन में लगने वाले लोगों की बीच कम से कम 2 मीटर का फासला होना चाहिए और सुरक्षा स्क्रीनिंग के लिए लाईन में खड़े लोगों की बीच 1 मीटर की दूरी होनी चाहिए। सीआईएसएफ ने यह भी सुझाव दिया है कि सभी स्टेशन एरिया और सुरक्षा उपरण और एक्स-रे टेबल को हर 30 मिनट पर सैनिटाइज किया जाना चाहिए। सीआईएसएफ को करीब 160 मेट्रो स्टेशन पर तैनात किया गया है।