Edited By Nilesh Mishra | टाइम्स न्यूज नेटवर्क | Updated:
हैदराबाद
लगभग सात दशकों से लंदन बैंक में अटका निजाम का पैसा अब सातवें निजाम मीर उस्मान अली खान के पोतों मुकर्रम जाह, मुफ्फखम जाह और भारत सरकार को मिलेगा। लंदन हाई कोर्ट ने बुधवार को हैदराबाद रियासत के बाकी दावेदारों के दावे को खारिज कर दिया। कुल 332 करोड़ रुपये की संपत्ति का बंटवारा होना है, जिसका मुकदमा लंबे समय से चल रहा है।
आखिरी निजाम के पोते नजफ अली खान समेत कुल 120 से ज्यादा लोगों ने दावा किया था कि इन पैसों में उन्हें उनका हक नहीं मिल रहा है। इन लोगों ने शिकायत की थी भारत सरकार और निजाम के बाकी दोनों पोतों के बीच हुए गुप्त समझौते में पैसों का बंटवारा हो गया है। इस दावे को लंदन हाई कोर्ट ने सिरे से खारिज कर दिया है। पिछले साल की लंदन हाई कोर्ट ने इस पैसे पर पाकिस्तान का दावा खारिज किया था और निजाम के दो वंशजों के साथ-साथ भारत सरकार को भी इसका हिस्सेदार माना था।
निजाम फैमिली वेलफेयर असोसिएशन की अगुवाई कर रहे नजफ अली खान ने ने भी इन पैसों पर अपना दावा किया था। लंदन हाई कोर्ट के फैसले के बाद उन्होंने कहा कि मुझे और 116 अन्य वंशजों को बिलकुल समझ नहीं आया कि भारत सरकार और निजाम के दो वंशजों के बीच यह पैसा किस आधार पर बांट दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि जज को इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए।