सीमा पर तनानती के बीच लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच रविवार की रात हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के कम से कम 20 जवानों के शहीद होने की खबर आ रही है। इस बीच भारत की तरफ से की गई जवाबी कार्रवाई में चीन की सेना को काफी नुकसान पहुंचा है। समाचार एजेंसी एएनआई ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा है कि भारतीय की तरफ से इंटरसेप्ट से यह पता चला है कि चीन के करीब 43 जवानों को नुकसान हुआ है। इनमें से कई लोगों की मौत हुई है।
दोनों देशों के बीच गतिरोध और रविवार को हुई हिंसा के बाद से लगातार उच्च स्तरीय बैठक चल रही है। पीएम मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बीच बैठक चल रही है। केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एक दिन में दो बार उच्च स्तरीय बैठक की। इस दौरान उनके साथ सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद थे।
Indian intercepts reveal that Chinese side suffered 43 casualties including dead and seriously injured in face-off in the Galwan valley: Sources confirm to ANI pic.twitter.com/xgUVYSpTzs
— ANI (@ANI) June 16, 2020
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चीन की सीमा पर लगभग 45 साल बाद, भारतीय सशस्त्र बलों के कर्मियों की इस तरह शहादत की पहली घटना है। एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि गलवान घाटी में भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प के बाद घायल सैनिकों को एयर लिफ्ट कराने के लिए चीनी हेलीकॉप्टरों की गतिविधियों एलएसी पर देखी गई।
Increase in Chinese chopper activity observed across the LAC to airlift casualties suffered by them during face-off with Indian troops in Galwan valley: Sources to ANI https://t.co/uMExblXYxq
— ANI (@ANI) June 16, 2020
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चीन ने भारत पर लगाया सीमा लांघने का आरोप
चीन ने इस घटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने 15 जून को दो बार ”अवैध गतिविधियों” के लिए सीमा रेखा लांघी और चीन के कर्मियों को उकसाया और उन पर हमले किए जिसके कारण दोनों पक्षों के बीच गंभीर मारपीट हुई। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिनजियान ने कहा कहा, ”हमारे सैनिकों की उच्चस्तरीय बैठक हुई थी और सीमा पर स्थिति को सामान्य बनाने के बारे में महत्वपूर्ण सहमति बनी थी, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से 15 जून को भारतीय सैनिकों ने हमारी सहमति का गंभीर रूप से उल्लंघन किया और अवैध गतिविधियों के लिए दो बार सीमा रेखा लांघी और चीन के कर्मियों को उकसाया एवं उन पर हमले किए जिससे दोनों पक्षों के बीच गंभीर रूप से मारपीट हुई। चीन ने भारतीय पक्ष से कड़ा विरोध दर्ज कराया है।”
प्रवक्ता ने कहा, ”हम एक बार फिर भारतीय पक्ष से कहते हैं कि सहमति का पालन करें, अग्रिम मोर्चे के अपने सैनिकों पर कड़ाई से नियंत्रण करें और रेखा नहीं लांघें, समस्या पैदा नहीं करें या एकतरफा कदम नहीं उठाएं जिससे मामला जटिल बन जाए।” झाओ ने कहा कि दोनों पक्ष वार्ता और विचार-विमर्श के माध्यम से मुद्दे के समाधान, स्थिति को सामान्य बनाने के प्रयास पर सहमत हुए और सीमावर्ती क्षेत्र मे शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने पर रजामंदी दी।
चीन ने मानी सैनिकों के मरने की बात
चीन की सरकारी मीडिया ने मंगलवार को चीनी सेना के हवाले से दावा किया कि गलवान घाटी क्षेत्र पर उसकी ”हमेशा संप्रभुता रही है और आरोप लगाया कि भारतीय सैनिकों ने ”जानबूझकर” उकसाने वाले हमले किए जिस कारण ”गंभीर संघर्ष” हुआ और सैनिक हताहत हुए। पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच सोमवार को हुई झड़प पर पहली प्रतिक्रिया के तहत चीन की मीडिया ने पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) की पश्चिमी थियेटर कमान के प्रवक्ता कर्नल झांग शुइली के हवाले से कहा, ”चीन की हमेशा से गलवान घाटी पर संप्रभुता रही है।”
इसने कहा, ”भारतीय सीमा पर तैनात बल अपने शब्दों पर कायम नहीं रहे और दोनों देशों के बीच बनी सहमति का गंभीर रूप से उल्लंघन किया, कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान बनी सहमति का उल्लंघन किया और दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों और दोनों देशों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई।” झांग ने कहा, ”भारत को सभी उकसावे वाली कार्रवाई रोक देनी चाहिए, चीनी पक्ष से बात करनी चाहिए और वार्ता के माध्यम से विवाद के समाधान के सही रास्ते पर लौटना चाहिए।”
1975 के बाद पहली बार PLA के साथ झड़प में भारतीय सैनिक की मौत
नई दिल्ली में सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 1975 के बाद पहली बार चीन की सेना के साथ हिंसक झड़प में किसी भारतीय सैनिक की मौत हुई है। 1975 में अरुणाचल प्रदेश के तुलुंग ला में दोनों देशों के बीच अस्थाई सीमा के पास घात लगाकर किए गए हमले में चार भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी नहीं हुई। इसने कहा, ”भारतीय सीमा पर तैनात बल अपने शब्दों पर कायम नहीं रहे और दोनों देशों के बीच बनी सहमति का गंभीर रूप से उल्लंघन किया, कमांडर स्तर की वार्ता के दौरान बनी सहमति का उल्लंघन किया और दोनों देशों की सेनाओं के बीच संबंधों और दोनों देशों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई।” झांग ने कहा, ”भारत को सभी उकसावे वाली कार्रवाई रोक देनी चाहिए, चीनी पक्ष से बात करनी चाहिए और वार्ता के माध्यम से विवाद के समाधान के सही रास्ते पर लौटना चाहिए।”
पूर्वी लद्दाख के इलाकों में चल रहा है विवाद
भारत और चीन की सेना के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी में गतिरोध चल रहा है। काफी संख्या में चीनी सैनिक अस्थायी सीमा के अंदर भारतीय क्षेत्र में पैंगोंग सो सहित कई स्थानों पर घुस आए हैं। भारतीय सेना ने घुसपैठ पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई है और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए उनकी तुरंत वापसी की मांग की है। गतिरोध दूर करने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले कुछ दिनों में कई वार्ताएं हुई हैं।