Edited By Alok Bhadouria | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

मनीषा कोइराला (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स

  • मनीषा कोईराला ने लिपुलेख विवाद में नेपाल का पक्ष लेते हुए एक ट्वीट किया था
  • जवाब में ट्विटर यूजर्स ने अपनी नाराजगी जताई और चीन से सतर्क रहने को कहा
  • लोगों का कहना था कि जैसे चीन ने तिब्‍बत पर कब्‍जा किया वैसे नेपाल पर भी कर लेगा

मुंबई

भारत और नेपाल के बीच लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी को लेकर विवाद और गहराता जा रहा है। नेपाल ने एक नया नक्‍शा जारी करके इनमें से दो क्षेत्रों को अपने नक्‍शे में दिखा दिया। नेपाली मूल की बॉलिवुड एक्‍ट्रेस मनीषा कोइराला ने नेपाल सरकार के इस कदम का समर्थन करते हुए एक ट्वीट कर दिया। मनीषा का यह ट्वीट उनके अधिकतर फैंस को भाया नहीं और उन्‍होंने ट्विटर पर जमकर कमेंट किए।

मनीषा ने अपने ट्वीट में नेपाली सरकार को धन्यवाद दिया था साथ ही भारत, नेपाल और चीन का जिक्र करते हुए कहा था कि वह ‘सभी तीन महान देशों’ के बीच शांतिपूर्ण और सम्मानजनक बातचीत की उम्मीद करती हैं। इसके बाद मनीषा के इस ट्वीट के जवाब में ट्विटर पर कमेंट्स की बारिश होने लगी।

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मनीषा के बहाने नेपाल को दिया उलाहना

वैसे तो आजकल ट्विटर पर ट्रोल करना आम बात हो चली है लेकिन मनीषा से असहमत लोगों ने थोड़ा संयम दिखाते हुए यही कहा कि नेपाल को चीन से सतर्क रहना चाहिए, वरना नेपाल का भी हाल तिब्‍बत जैसा न हो जाए। एक ट्विटर यूजर ने लिखा है, ‘आप अपने जगह सही हो। हम ही उदार ,और महान बनने निकल जाते हैं। हम भारतीय भी अब आपकी तरह सोचेंगे।’

कुछ ने नेपाल को बताया भारत विरोधी

नेपाल के इस कदम को नापसंद करने वाले एक दूसरे शख्‍स ने थोड़ा तल्ख ट्वीट किया, ‘नेपाल हमेशा से भारत विरोधी रहा है उसकी नज़रें हमेशा भारत की भूमि पर रही हैं। लिपुलेख जैसे भारत के अभिन्न अंग पे जबरिया दावा नेपाल की तुच्‍छ मानसिकता को दर्शाता है।’



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चीन से सतर्क रहने को कहा

एक शख्‍स ने अंग्रेजी में ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘नेपाल को नया दोस्‍त मुबारक हो। लेकिन वियतनाम का हश्र न भूल जाना। कभी वे दोस्‍त थे लेकिन उनके साथ धोखा हुआ। नेपाल के साथ भी वैसा ही होना चाहिए। पहले माउंट एवरेस्‍ट जाएगा, उसके बाद कुछ और क्षेत्र भी। तब अहसासस होगा। भारत को नेपाल को भूलकर उसे तरजीह देनी बंद कर देना चाहिए।’

कुछ समर्थन में भी आए

हालांकि, कुछ लोगों ने मनीषा के इस ट्वीट के समर्थन में भी लिखा है। एक यूजर ने लिखा है, ‘नेपाल हमारा भाई है, हमें अपने भाई की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए।’ एक ने लिखा, ‘सच है नेपाल भारत के लिए सर्वश्रेष्‍ठ और भारत नेपाल के लिए। इस रिश्‍ते को ओर मजबूत होना चाहिए।’

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क्‍या है पूरा विवाद?

वर्तमान विवाद की शुरुआत 1816 में हुई थी। तब ब्रिटिश के हाथों नेपाल के राजा कई इलाके हार गए थे जिनमें लिपुलेख और कालापानी शामिल हैं। इसका ब्‍यौरा सुगौली की संधि में मिलता है। दोनों देश आपसी बातचीत से सीमा विवाद का हल निकालने की पैरवी करते आए हैं मगर अब नेपाल के रुख में बदलाव साफ संकेत दे रहा है कि चीन ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है। नेपाल ने अब चांगरु में कालापानी के नजदीक आर्म्ड पुलिस फोर्स का आउटपोस्ट बनाया है।

समझिए, क्या है कालापानी विवाद जिसकी अहमियत भारत के लिए डोकलाम जैसी है लेकिन नेपाल उसे अपना इलाका बताता है...समझिए, क्या है कालापानी विवाद जिसकी अहमियत भारत के लिए डोकलाम जैसी है लेकिन नेपाल उसे अपना इलाका बताता है…Kalapani Dispute: भारत और नेपाल के बीच ‘कालापानी बॉर्डर’ का मुद्दा एक बार फिर से सुर्खियों में है। नेपाल इस मुद्दे पर भारत से बात करना चाहता है। नेपाल का कहना है कि आपसी रिश्तों में दरार पड़ने से रोकने के लिए कालापानी मुद्दे को सुलझाना अब बहुत जरूरी है। सवाल है कि जिस मसले को लेकर दोनों देशों के बीच कभी कोई तनाव के हालात नहीं बने, उसे लेकर अब ऐसी बैचैनी क्यों है? खास तौर पर नेपाल की ओर की। क्या है कालापानी का ये पूरा मसला और नेपाल में क्यों ये बन गया है एक बड़ा मुद्दा, आपको बताते हैं इस विडियो में#kalapanidispute #Kalapani #kalapanicontroversySubscribe to the ‘Navbharat Times’ channel here:https://www.youtube.com/navbharattimesSocial Media LinksFacebook: https://www.facebook.com/navbharattimes/Twitter: https://twitter.com/NavbharatTimes





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