Home Breaking News लॉकडाउन 4.0: राजस्थान में मिली पान, गुटखा, तम्बाकू बेचने की इजाजत; रेड जोन में टैक्सी, कैब को हरी झंडी

लॉकडाउन 4.0: राजस्थान में मिली पान, गुटखा, तम्बाकू बेचने की इजाजत; रेड जोन में टैक्सी, कैब को हरी झंडी

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लॉकडाउन 4.0: राजस्थान में मिली पान, गुटखा, तम्बाकू बेचने की इजाजत; रेड जोन में टैक्सी, कैब को हरी झंडी

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राजस्थान सरकार ने सोमवार (25 मई) को राज्य में पान, गुटखा,तम्बाकू की बिक्री और रेड जोन में सार्वजनिक पार्को, टैक्सी और कैब सेवा शुरू करने का निर्णय लिया है। गृह विभाग ने चौथे चरण के लॉकडाउन के आदेश के तहत प्रतिबंधित गतिविधियों में से पान,गुटखा, तम्बाकू आदि की बिक्री को हटाते हुए स्पष्ट किया है कि कोई भी व्यक्ति इन चीजों का उपयोग सार्वजनिक स्थानों पर नहीं कर सकेगा।

आदेश के मुताबिक सार्वजनिक स्थानों पर थूकना अभी भी दंडनीय अपराध है। लॉकडाउन 4.0 के दिशा निर्देशों में संशोधन करते हुए राज्य सरकार ने रेड जोन में सामाजिक दूरी और सेनेटाइजेशन की शर्ते सुनिश्वित करते हुए टैक्सी, आटो और कैब की सेवाओं की स्वीकृति दी है। सरकार ने रेड जोन इलाकों में सुबह सात बजे से शाम 6.45 बजे तक सार्वजनिक पार्कों को खोलने की अनुमति प्रदान की है।

उल्लेखनीय है कि ऑरेंज और ग्रीन जोन में आने वाले इलाकों में इन गतिविधियों की पहले से अनुमति थी। संशोधित आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया कि हाथ रिक्शा, कियोस्क,खाने की छोटी दुकानें, जूस, चाय और अन्य सामान की दुकानों को स्वीकृति प्रदान की गई है, लेकिन स्वच्छता, स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा। इसके साथ ही लोगों के एकत्र होने पर लगी रोक पहले की तरह जारी रहेगी।

राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण से चार और मौत, 272 नए मामले
राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण से सोमवार (25 मई) को चार और मौत हुई जिससे राज्य में इस घातक वायरस से मरने वालों की संख्या 167 हो गई। इस बीच 272 नए मामले आने से राज्य में कोरोना वायरस संक्रमितों की अब तक की कुल संख्या 7300 हो गई है। अधिकारियों ने बताया कि सोमवार को अजमेर, जयपुर में एक एक और अन्य जिलों के दो संक्रमित मरीजों की मौत हुयी। इससे राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों की संख्या बढ़कर 167 हो गयी है। केवल जयपुर में कोरोना वायरस संक्रमण से मरने वालों का आंकड़ा 79 हो गया है जबकि जोधपुर में 17 और कोटा में 16 रोगियों की मौत हो चुकी है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में रोगी किसी न किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी पीड़ित थे।



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