नयी दिल्ली। अभी हाल ही में रेलवे ने तेजस ऐक्सप्रेस को झण्डी दिखा कर लखनऊ से दिल्ली की ओर रवाना किया था। यह ट्रेन कारपोरेट जगत के लोगों के चलायी गयी। दूसरी खास बात यह है कि यह भारत की पहली ट्रेन है जिसका संचालन निजी हाथों को सौंपा गया है। यह भी माना जा सकता है कि इस ट्रेन की सफलता पर ही अन्य ट्रेनों को प्राइवेट हाथों में दिया जायेगा। लेकिन कुछ दिनों बाद इस ट्रेन का विरोध शुरू हो गया है।
मालूम हो कि यह ट्रेन पूरी तरह से निजी हाथों में है रेलवे का कोई भी कर्मचारी इस ट्रेन में तैनात नहीं किया गया है। इस बात को लेकर कर्मचारियों में काफी रोष है। कर्मचारियों को यह अंदेशा है कि भारत सरकार धीरे धीरे रेलवे को पूरी तरह निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रही है ताकि कर्मचारियों की तनख्वाह से मुक्ति पायी जा सके।
वंदे भारत एक्सप्रेस के बाद अब देश की पहली प्राइवेट ट्रेन तेजस को पत्थरबाजों ने निशाना बनाया है। तेजस एक्सप्रेस अपने नियमित संचालन के पहले दिन ही पथराव का शिकार हो गई। लखनऊ यार्ड में इस ट्रेन पर सुबह पथराव होने से तीन शीशे चटक गए।
हालांकि ट्रेन लखनऊ से चलकर कानपुर होते हुए नई दिल्ली रवाना हुई। रविवार को यह ट्रेन नियमित रूप से चली। समय से गई और समय से वापस आई। शुक्रवार को अपने उद्घाटन के दिन यह ट्रेन दिल्ली गई थी और शनिवार को वापस आई थी।
पहले दिन ट्रेन में 700 से अधिक सीटों की बुकिंग हुई। शनिवार को वापसी के बाद यह ट्रेन लखनऊ के यार्ड में खड़ी थी। रविवार सुबह 6:10 बजे लखनऊ से रवाना होने के पहले ही ट्रेन के यार्ड में पथराव हुआ। कोच के तीन विंडो शीशे चटके मिले हैं।
पहले दिन 740 सीटें इस ट्रेन में बुक कराई गईं। यह ट्रेन कानपुर सेंट्रल सुबह 7:20 बजे से सात मिनट पहले 7:13 बजे आ गई। वापसी में यह ट्रेन अपने निर्धारित समय से दिल्ली से कानपुर पहुंची और लखनऊ रवाना हुई।