उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) के गाजियाबाद (Ghaziabad) में स्थिति एटलस साइकल (Atlas cycle) की फैक्ट्री में उत्पादन बंद हो गया है। यहां काम करने वाले दर्जनों कर्मचारी बेरोजगार हो गए हैं। कंपनी की ओर से नोटिस जारी करके उन्हें बैठकी करने को कहा गया है। विश्व साइकल दिवस (World cycle day) के दिन इस खबर से कई कर्मचारी परेशान हैं।
Edited By Shashi Mishra | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
- 1951 में बनी थी एटलस साइकल की कंपनी
- गाजियाबाद के साहिबाबाद में है कंपनी का कारखाना
- मालिकों ने कहा कच्चा माल लाने के लिए नहीं है धन, इसलिए उत्पादन बंद
- उत्पादन न होने से वर्करों की नहीं है जरूरत, इसलिए की गई बैठकी
- कई कर्मचारियों ने उत्तर प्रदेश सरकार से कारखाना बंद होने से बचाने के लिए लगाई गुहार
- फैक्ट्री के गेट पर पहुंचे वर्करों ने गेट पर रखे रजिस्टर में दर्ज कराई उपस्थिति
गाजियाबाद
हम में से कई लोगों को बचपन से लेकर बड़े होने तक साइकल के नाम पर एक ही ब्रैंड पता होता था। यह ब्रैंड था एटलस का। एटलस ने ही देश में जन-जन तक साइकल पहुंचाई। लेकिन अब एटलस साइकल बनाने वाली कंपनी आर्थिक संकट से जूझ रही है। आलम यह है कि ‘विश्व साइकल दिवस’ पर जहां लोग साइकल चलाने को प्रमोट कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इस कंपनी में ताला लगा दिया गया है। यहां काम करने वाले सैकड़ों वर्कर्स सड़क पर आ गए हैं।
देश की मशहूर साइकिल कंपनी एटलस ने उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद का कारखाना चलाने से हाथ खड़े कर दिए हैं। कंपनी की ओर से यहां के वर्कर्स को एक नोटिस दिया गया है। इस नोटिस में कारखाने के प्रबंधक ने कहा है कि मालिकों के पास कारखाना चलाने के लिए रकम नहीं है, इसलिए वर्कर्स बैठकी कर लें।
‘आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी’
कारखाने के नोटिस में कहा गया है कि कंपनी पिछले कई वर्षों से भारी आर्थिक संकट से गुजर रही है। कंपनी ने सभी उपलब्ध फंड खर्च कर दिए हैं। अब स्थिति यह है कि कंपनी के पास कोई भी आय के श्रोत नहीं बचे हैं। यहां तक कि दैनिक खर्चों के लिए भी धन उपलब्ध नहीं हो पा रहा है।
कंपनी की ओर से जारी किया गया नोटिस
साइकल डे से बैठाए गए वर्कर्स
प्रबंधक ने वर्कर्स से कहा है कि जब तक सेवायोजक धन का प्रबंध नहीं कर लेते है, तब तक कारखाने में कच्चा माम नहीं आएगा। ऐसी स्थिति में सेवायोजक फैक्ट्री चलाने की स्थिति में नहीं हैं। यह स्थिति तब तक ऐसी ही रहेगी, जब तक मालिक धन का प्रबंध नहीं कर लेते। नोटिस में वर्कर्स को 3 जून से बैठकी करने को कहा गया है।
कारखाना बंद होने से 700 लोग होंगे प्रभावित
साहिबाबाद स्थित इस कारखाने के बंद होने के बाद यहां काम करने वाले कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है। एक कर्मचारी ने बताया कि कारखाना बंद होने से लगभग 450 कर्मचारी सीधे तौर पर प्रभाभित हुए हैं। वहीं अस्थाई तौर पर प्रभावित लोगों को मिला लें तो फैक्ट्री बंद होने से 700 कर्मचारियों पर असर पड़ेगा।