कोरोना काल में बीएचयू में ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई हो रही है. अब कोरोना को आधार बनाकर शोध का विषय बनाने की तैयारी की जा रही है.
वाराणसी: कोरोना काल में बीएचयू में आधुनिक माध्यम से शिक्षा दी जा रही है. यूनिवर्सिटी के छात्र इन दिनों ऑनलाइन माध्यमों से न सिर्फ शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, बल्कि आने वाले दिनों में कोरोना को विषय मानकर रिसर्च करने की भी चर्चा की जा रही है.
रोजाना 8 से 10 घंटे चलती है ऑनलाइन क्लास
राजनीति विज्ञान विभाग के सीनियर प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र की मानें, वो रोजाना विभाग की वेबसाइट पर अपना लेक्चर डालते हैं. किसी छात्र को समस्या आती है, तो ये व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से दूर भी करते हैं. इतना ही नहीं कक्षा का सामूहिक अपडेट भी लेते हैं.
ऑनलाइन माध्यम आगे बनेगी जरूरत
कक्षा में कम से कम 35 से 40 छात्र होते हैं, लेकिन ऑनलाइन माध्यम में एक साथ सभी को जोड़ने की अभी तकनीकी समस्या है. हालांकि रिकॉर्डेड लेक्चर से काम चल रहा है, लेकिन कहते हैं कि जब तक गुरु से शिष्य का साक्षात्कार नहीं होता, तब तक शिक्षा के मानक पूरे नहीं होते. हालांकि, लॉकडाउन के बाद भी सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो कर कक्षाएं कैसे चलेंगी और उसकी तैयारी क्या होगी, ये देखना होगा, लेकिन ऑनलाइन माध्यम से इसका हल निकाला जा सकता है.
प्रवेश परीक्षा के साथ प्रतियोगी परीक्षा की भी हो रही तैयारी
बीएचयू के प्रत्येक विभाग में चलने वाली ऑनलाइन कक्षाओं के लाभ सिर्फ बीएचयू के ही नहीं, बल्कि अन्य विद्यार्थी भी ले रहे हैं. अगर किसी को विषय संबंधी कोई समस्या होती है, तो वो कॉल करके हल पूछ लें रहे हैं.
लॉकडाउन के बाद से बीएचयू में नियमित कक्षाएं निरस्त, प्रवेश परीक्षा टली
बीएचयू में लॉकडाउन के मद्देनजर कक्षाएं निरस्त हैं. इसके साथ ही, प्रवेश परीक्षा भी निरस्त कर दी गई हैं, जो कि लॉकडाउन खुलने के बाद संपन्न होनी हैं. अब आगे कक्षा और प्रवेश परीक्षा का स्वरूप भी बदला नजर आएगा, इसकी भी उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन ऑनलाइन माध्यम से इसकी भी तैयारी जारी है.
कोरोना काल बनेगा शोध का माध्यम
राजनीति विज्ञान विभाग में शोध छात्र समसामयिक विषयों को भी आधार बनाकर शोध पत्र लिखते हैं. ऐसे में अब इस विभाग में कोरोना काल को आधार बनाकर इसे शोध का विषय बनाने की तैयारी की जा रही है.
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