विपक्षी दलों के सात मुख्यमंत्रियों के साथ सोनिया गांधी की मीटिंग, केंद्र से JEE-NEET की परीक्षा रोकने की उठी मांग


हाइलाइट्स:

  • JEE और NEET एग्जाम रोकने का दबाव बनाने के लिए विपक्षी मुख्यमंत्रियों की मीटिंग
  • ममता बनर्जी की मदद ले विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों को एकजुट करने में जुटीं सोनिया
  • सोनिया गांधी अपने दल के भीतर बने ग्रुप-23 के नेताओं को भी संदेश देना चाह रही हैं

नई दिल्ली
अपने दल के भीतर ही खेमेबाजी का सामना कर रहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विपक्षी दलों को साथ लाने की दिशा में बड़ी पहल की है। इस पहल में उन्हें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पूरा साथ मिला है। दोनों नेता इंजीनियरिंग और मेडकिल के पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा (JEE) और राष्ट्रीय योग्यता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) का कोरोना काल में आयोजन समेत कई मुद्दों पर पूरे विपक्ष को एक सूत्र में पिरोने का प्रयास कर रही हैं।

JEE-NEET की परीक्षा और GST कंपेनसेशन का उठा मुद्दा

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ सात विपक्षी राज्यों के सीएम की मीटिंग में परीक्षा और जीएसटी कंपेनसेशन का मुद्दा उठा। सभी सीएम ने केंद्र सरकार से परीक्षा की तारीख को आगे बढ़ाने का आग्रह किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भी वर्चुअल मीटिंग में शामिल हुए। उनकी मौजूदगी को लेकर संदेह जाहिर किया जा रहा था।

सोनिया ने कहा- NEP से हम चिंतित
मीटिंग में सोनिया ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP, 2020) पर भी चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति संबंधी घोषणाओं से हम सच में चिंतित हैं क्योंकि यह वाकई बड़ा झटका है। विद्यार्थियों और परीक्षाओं से संबंधित समस्याओं पर भी बहुत लापरवाही भरा रवैया सामने आ रहा है।’ उन्होंने जीएसटी कंपेनसेशन देने को लेकर केंद्र सरकार की तरफ से व्यक्त की गई असमर्थता को राज्यों के साथ विश्वासघात करार दिया। सोनिया ने कहा, ’11 अगस्त को वित्त मामलों पर संसद की स्थाई समिति की मीटिंग में वित्त सचिव ने कहा था कि केंद्र सरकार इस वर्ष 14% जीएसटी कंपेनसेशन का भुगतान करने की स्थिति में नहीं है। यह इनकार मोदी सरकार की तरफ विश्वासघात के सिवा और कुछ नहीं है।’

GST काउंसिल की मीटिंग से पहले रचा जा रहा चक्रव्यूह

दरअसल, गुरुवार को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग होने जा रही है, जिसमें राज्यों के मुख्यमंत्रियों की भागीदारी होगी। राज्यों के वित्त मंत्री तो जीएसटी काउंसिल के सदस्य ही हैं। सोनिया और ममता के विचार है कि विपक्षी दलों के मुख्यमंत्री काउंसिल की मीटिंग में केंद्र सरकार पर मुआवजे का दबाव बनाने की रणनीति पहले ही तय कर लें। कहा जा रहा है कि एनडीए से अलग दलों के मुख्यमंत्री केंद्र से 14 प्रतिशत जीएसटी कंपेनसेशन की मांग कर सकते हैं। विपक्ष शासित राज्यों ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया है कि वो मुआवजे पर हामी नहीं भरकर एक तरह से डिफॉल्ट कर रही है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति संबंधी घोषणाओं से हम सच में चिंतित हैं क्योंकि यह वाकई बड़ा झटका है। विद्यार्थियों और परीक्षाओं से संबंधित समस्याओं पर भी बहुत लापरवाही भरा रवैया सामने आ रहा है।

सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष

बहरहाल, सोनिया गांधी ने मंगलवार को ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और हेमंत सोरेन को आज की वर्चुअल मीटिंग में शामिल होने का न्योता दिया था। इन मुख्यमंत्रियों के अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ समेत कांग्रेस शासित चार राज्यों के मुख्यमंत्री भी मीटिंग में शामिल हैं।


कांग्रेस के अंदर G-23 नेताओं को संदेश देने की कोशिश

कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी आज की मीटिंग से अपनी पार्टी के अंदर ग्रुप- 23 के नेताओं को भी एक संदेश भेजना चाहते हैं जिन्होंने उन्हें पार्टी लीडरशिप को लेकर चिट्ठी भेजी थी। ध्यान रहे कि सोमवार को सात घंटे लंबी माथापच्ची के बाद भी कांग्रेस पार्टी का कोई नया अध्यक्ष नहीं चुना जा सका और कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) ने फिर से सोनिया गांधी पर ही भरोसा जताकर अगले छह महीने के लिए उन्हें कांग्रेस की कमान सौंप दी।



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