विवादित नक्शे पर ओली को मिला विपक्ष का साथ, भारत के साथ खराब हो सकते हैं रिश्ते


मोदी और ओली (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स

  • संविधान संशोधन विधेयक को नेपाली कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों ने दिया समर्थन
  • संसद में दो-तिहाई बहुमत मिलने का रास्ता साफ हुआ, भारत से साथ रिश्तों में आ सकती है खटास
  • विधेयक को मंजूरी मिली तो भारत विरोधी और राष्ट्रवादी नेता के रूप में ओली की छवि मजबूत होगी
  • नेपाल के नए नक्शे में भारत का 365 किमी का इलाका शामिल

नई दिल्ली

नेपाल में देश के नए नक्शे के लिए संविधान संशोधन का रास्ता साफ हो गया है जिससे भारत के साथ रिश्तों में खटास आ सकती है। नेपाल की के पी शर्मा ओली सरकार ने देश के नए नक्शे में भारत के तीन इलाकों कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को भी शामिल किया है। नेपाल के मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने इसके लिए जरूरी संविधान संशोधन विधेयक को समर्थन देने का फैसला किया है। इससे अब इस विधेयक के दो-तिहाई बहुमत से पारित होने की उम्मीद है।

अगर इस विधेयक को नेपाली संसद की मंजूरी मिलती है तो इससे राष्ट्रवादी नेता के रूप में ओली की छवि मजबूत होगी और भारत विरोधी रुख के कारण वह अपनी कम्युनिस्ट पार्टी में अपने विरोधियों पर भारी पड़ेंगे। हालांकि अभी इस विधेयक को संसद में पेश करने की तारीख तय नहीं की गई है लेकिन इसे के जल्दी ही पेश किया जा सकता है।

मजबूत होंगे ओली

भारतीय अधिकारियों के मुताबिक नेपाली कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर चर्चा के लिए समय मांगा था लेकिन इसका नतीजा पहले से ही तय माना जा रहा था। नेपाल में पहले से ही इसके पक्ष में जनमत बन चुका है और नेताओं के लिए इसके खिलाफ जाना आसान नहीं है।

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राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) पहले ही इस विधेयक का समर्थन कर चुकी है। साथ ही समाजवादी जनता पार्टी नेपाल और राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल ने भी इसका समर्थन किया है। भारत ने हाल में लिपुलेख दर्रे की ओर जाने वाली एक सड़क का औपचारिक उद्घाटन किया था। उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले का यह हिस्सा आजादी से पहले से ही भारत के पास है लेकिन नेपाल इस पर अपना दावा करता आया है।

चीन की ओर झुकाव

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बार-बार कोशिशों के बावजूद नेपाल के साथ रिश्तों को आगे बढ़ाना भारत के लिए चुनौती बना हुआ है। चीन की तरफ ओली के झुकाव से भारत और नेपाल के रिश्तों में तल्खी आई है। ओली भारत विरोधी भावनाओं के लिए जाने जाते हैं।

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इस मुद्दे पर भारत का रुख भी सख्त होता जा रहा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि शायद लिपुलेख सड़क का उद्घाटन इतने भव्य तरीके से नहीं किया जाना चाहिए था। सेना प्रमुख के इस बयान ने भी आग में घी का काम किया कि नेपाल चीन के इशारों पर काम कर रहा है। इससे नेपाल की सेना में नाराजगी है। लेकिन नक्शे में बदलाव की नेपाल की कोशिश से दोनों देशों के रिश्तों में मुश्किलें पैदा होंगी।

नए नक्‍शे में 395 वर्ग किमी भारतीय इलाका शामिल

नेपाल ने अपने नए नक्‍शे में कुल 395 वर्ग किलोमीटर के इलाके को शामिल किया है। लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी के अलावा गुंजी, नाभी और कुटी गांवों को भी शामिल किया गया है। नेपाल के नए नक्‍शे में कालापानी के कुल 60 वर्ग किलोमीटर के इलाके को अपना बताया है। इसमें लिंपियाधुरा के 335 किलोमीटर के इलाके को जोड़ दें तो यह कुल 395 वर्ग किलोमीटर हो जाता है। इस तरह से नेपाल ने भारत के 395 किलोमीटर के इलाके पर अपना दावा ठोका है।



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