वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना महामारी से निपटने और देश की अर्थव्यवस्था सेहत सुधारने के लिए घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के तहत किए गए उपायों के तीसरे चरण में शुक्रवार को कृषि, पशुपालन, मत्स्यपालन और डेयरी और संबद्ध क्षेत्र को प्रोत्साहन देने से जुड़े कदमों की घोषणाएं कीं.
मुंबई: एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए केन्द्र सरकार द्वारा घोषित पैकेज से वह ‘‘निराश’’ हैं और यह किसी ‘पंचवर्षीय योजना जैसा लग रहा है.’
पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार को लॉकडाउन के कारण हुए नुकसान को भी ध्यान में रखना चाहिए था. उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि ऋण भुगतान की किस्त एवं अवधि परिवर्तन, ऋण भुगतान में राहत और ब्याज दर में कमी आदि पर चुप्पी साध ली.
शरद पवार ने ट्वीट किया, ‘‘आज घोषित आत्मनिर्भर कृषि पैकेज से निराश हूं. लॉकडाउन के कारण हुई हानि को ध्यान में रखते हुए पैकेज की घोषणा की जानी चाहिए थी.’’
There is no clarity on financial aid for the ensuing kharif season and also no relief for losses incurred by horticultural crop growers.
This announcement appears like a Five Year Plan and not a relief package as publicised.
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) May 15, 2020
वित्तमंत्री निर्मला सीतारण ने सरकार की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ रुपए के ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ पैकेज का शुक्रवार को तीसरा ब्रेकअप दिया. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने खेती और कृषि क्षेत्र को लेकर पैकेज का एलान किया. उन्होंने कहा, ”आज किसान मुसीबत का सामना कर रहा है. 20 लाख करोड़ रुपए का ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ पैकेज इन्हीं के लिए है.”
निर्मला सीतारमण ने कहा,” आत्म निर्भर भारत के लिए पीएम ने सप्लाय चेन और टेक्नोलॉजी सुधारों का ज़िक्र किया था. सो, आज हम कृषि पर बात करेंगे. भारत के किसानों ने हमेशा विपरीत हालात में अपनी क्षमता दिखाई है. भारत दुनिया में दूध, जूट का नम्बर वन उत्पादक है. गन्ना कपास समेत कई उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है.”
उन्होंने कहा,” तीसरे पैकेज में 11 एलान हैं. जिनमें से 8 बुनियादी ढांचे को मजबूत करने, क्षमता और बेहतर करने से संबंधित हैं. जबकि बाकी 3 शासन और प्रशासनिक सुधारों से संबंधित होंगे.” उन्होंने कहा, ”तीसरी किस्त में किसान क्रेडिट कार्ड के लिए 2 लाख करोड़ रुपये हैं. किसानों के खाते में 18,700 करोड़ रुपये दिए. फसल बीमा योजना के लिए 6400 करोड़ रुपये, MSP के लिए 17,300 करोड़ रुपये दिए गए.”
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