कोरोना लॉकडाउन के बीच कर्नाटक के शिवमोगा के जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर पश्चिम बंगाल के दर्जनों मजदूर इकट्ठा हो गए। ये सभी मजदूर मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर खड़े होकर पश्चिम बंगाल की ममता सरकार से उन्हें ट्रेन उपलब्ध कराने की मांग कर रहे थे। इन्हीं लोगों में से एक ने कहा कि 120 लोग यहां फंसे हुए हैं। जब वे घर जाने की बात कहते हैं तो कर्नाटक सरकार से जवाब आता है कि ममता बनर्जी झंडी नहीं दे रही हैं।
बता दें कि कोरोना लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे प्रवासी अपने घर जाना चाहते हैं। कुछ तो पैदल निकल भी लिए हैं, लेकिन कुछ अभी भी राज्य पर उम्मीद टिकाए हैं कि शायद उनके लिए ट्रेन की व्यवस्था हो जाएगी। कई राज्यों ने अपने लोगों को ट्रेन के जरिए मंगाया भी है।
Karnataka: Scores of migrant workers from West Bengal today gathered outside District Magistrate’s office in Shivamogga demanding West Bengal govt to provide them train. A worker says, “120 people are stranded here. Govt here is saying Mamta Banerjee is not giving green signal”. pic.twitter.com/gXrPZ8s8Dl
— ANI (@ANI) May 15, 2020
इन्हीं प्रवासी कामगारों को लेकर केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की ममता सरकार आमने-सामने है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी पश्चिम बंगाल समेत की राज्यों की सरकारों पर निशाना साधा था। रेल मंत्री ने कहा था कि प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए 1200 ट्रेन तैयार हैं, लेकिन कई राज्य सरकारें कम ट्रेनों को अनुमति दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश पर 1200 ट्रेनें अन्य कामों से हटाकर सिर्फ प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए रिजर्व कर दी गई हैं। हम रोज 300 ट्रेने शुरू कर सकते हैं। लेकिन कई ऐसे राज्य हैं जैसे पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड जहां से बहुत कम ट्रेनों की अनुमति मिल रही है।