संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजराइल के बीच राजनयिक संबंधों के दरवाजे खुलने के साथ दोनों देशों के बीच टेलीफोन सेवा भी शुरू हो गई है। एसोसिएट प्रेस के यरुशलम और दुबई में मौजूद पत्रकारों ने रविवार (16 अगस्त) को लैंडलाइन और मोबाइल फोन के जरिए एक दूसरे से बात की। हालांकि, इजराइल और यूएई के अधिकारियों ने तत्काल दोनों देशों के बीच टेलीफोन सेवा के फिलहाल काम करने की बात स्वीकार नहीं की। उन्होंने एसोसिएट प्रेस के सवालों का तत्काल जवाब देने से भी इनकार कर दिया।
अरब प्रायद्वीप में सात अमीरात (रियासतों) के संघ यूएई में अंग्रेजी और अरबी भाषा में रिकॉर्डेड संदेश सुनाई दिए जिसमें कहा गया कि +972 कोड के देश से संपर्क नहीं किया जा सकता। प्रतिबंध के बीच इंटरनेट कॉल के जरिए लोग संपर्क कर पाते थे, लेकिन ये भी अकसर बाधित रहते थे। कुछ इजराइली, फिलिस्तीनी फोन नंबर का इस्तेमाल करते थे जिससे यूएई में बात हो सकती थी।
फिलिस्तीन ने कहा, यूएई और इजराइल के समझौते से अशांत होगा पश्चिम एशिया
यूएई में प्रशासन ने इजराइली वेबसाइट जैसे टाइम्स ऑफ इजराइल, दि यरुशलम पोस्ट और वाईनेट को बाधित कर दिया था, लेकिन रविवार (16 अगस्त) को यहां लोग बिना अमीरात की पाबंदी से बचने के उपाय किए इन साइटों को देख पा रहे थे। दोनों देशों के बीच टेलीफोन सेना यूएई और इजराइल के बीच हुए समझौते का पहला ठोस संकेत है।
उल्लेखनीय है कि बृहस्पतिवार (13 अगस्त) को यूएई और इजराइल ने पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित करने की घोषणा की। अमेरिका की मध्यस्थता में हुए समझौते के तहत इजराइल ने पश्चिमी तट के इलाकों पर कब्जा करने की अपनी विवादित योजना स्थगित कर दी है। इस इलाके पर फिलिस्तीन अपना दावा करता है। इस ऐतिहासिक समझौते को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की विदेश नीति की अहम जीत माना जा रहा है, जो नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में दोबारा निर्वाचित होने की कोशिश कर रहे हैं।