चीन को ‘गो वेस्ट पॉलिसी’ (पश्चिमी सीमा पर निगाह) की नीति भारत के लिए बड़ी चुनौती बन रही है। व्यापारिक गतिविधियों के विस्तार के नाम पर बनी नीति को चीन सैन्य आक्रामकता से भी जोड़ रहा है। अपनी इस नीति के तहत चीन ने तिब्बत में अपना मजबूत सैन्य बेस तैयार किया है। साथ ही लद्दाख सीमा पर चीनी सीमा की ओर से उल्लंघन की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं।
‘गो वेस्ट नीति’ को विस्तार: चीन नेपाल और बांग्लादेश में प्रभाव बढ़ाने की रणनीति भी भारत को केंद्र में रखकर बना रहा है। जानकारों का कहना है कि चीन ने अपनी ‘गो वेस्ट पॉलिसी’ को कई मायनों में विस्तार दिया है। इसमे भारत पर कई मोर्चों पर दबाव बनाना शामिल है।
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ठोस इनपुट पर अमेरिका ने चेताया: सूत्रों ने कहा कि अमेरिका की भारत को सतर्क रहने के लिए दी गई चेतावनी अनायास नहीं है। बल्कि इसके पीछे ठोस इनपुट हैं। चीन सीमा पर कई मोर्चे खोलकर भारत पर दबाव बनाए रखना चाहता है। हालांकि भारत आधिकारिक रूप से सीमा उल्लंघन की घटनाओं को बहुत तूल नहीं देता क्योंकि ये माना जाता है कि सीमा के कुछ इलाके ऐसे हैं जिनको लेकर दोनों देश की धारणा अलग-अलग है, लेकिन इस बार दोनों सेनाओं के बीच हुई झड़प के बाद मामला तूल पकड़ गया। लद्दाख में गलवां घाटी और पेंगोंग इलाके में चीन उन इलाकों में पेंच पैदा कर रहा है, जहां भारत का पूरी तरह से नियंत्रण है।
लद्दाख इलाके में लगातार उल्लंघन बढ़ा: सूत्रों का कहना है कि इस साल चार महीने में चीनी पक्ष की ओर से करीब 170 घटनाएं हुई हैं। इनमें से 130 लद्दाख इलाके में हुई है। सूत्रों ने कहा वर्ष 2018 के बाद से लगातार लद्दाख इलाके में चीन की गतिविधि बढ़ी है। वर्ष 2019 में 2018 की तुलना में करीब 75 फीसदी उल्लंघन की घटनाएं बढ़ी थीं, लेकिन जब भी इस बाबत सवाल हुए सरकार ने एक जैसा ही जवाब दिया।
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कई वजहों से बौखलाहट: सूत्रों ने कहा, धारा 370 समाप्त होने के बाद से चीन पाकिस्तान को कश्मीर मामले पर शह दे रहा है। नेपाल को कालापानी इलाके में भारत के खिलाफ भड़काने की कोशिश कर रहा है। कोरोना संकट के दौरान चीन की जिस तरह से घेरेबंदी हुई है उसे देखते हुए वह इस इलाके में और दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। व्यापारिक मोर्चे पर चुनौती की आशंका से भी चीन में बौखलाहट है।
चीन की आक्रामकता से भारत सतर्क: जानकारों का कहना है कि भारत इस इलाके में चीन की लगातार बढ़ती आक्रामकता से सतर्क है। भारत की कोशिश है कि बातचीत के जरिए तनाव कम हो। साथ ही चीन की आक्रामक रणनीति को काउंटर करने की रणनीति पर भी काम हो रहा है।
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अमेरिका की भी निगाह: सूत्रों ने कहा कि अमेरिका की निगाह भी इस छेत्र में बनी हुई है। हालांकि चीन की ये नागवार लगा है। फिर भी जानकार मानते हैं कि भारत और अमेरिका के बीच जिस तरह की रणनीतिक साझेदारी बढ़ी है उसके तहत ही अमेरिका ने भारत को सतर्क किया है। दोनों देश इस संबंध में इनपुट भी साझा कर रहे हैं।