दिल्ली में तबलीगी जमात में शामिल होने वाले विदेशी नागरिकों में से 34 ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर स्वदेश लौटने की मांग की है। विदेशी नागरिकों की ओर से दायर याचिका पर केंद्र ने जवाब देते हुए कहा कि इन विदेशी नागरिकों के तबलीगी जमात में शामिल होने के लिए भारत में आपराधिक कार्यवाही लंबित है, माफी मांगने के बाद वो भारत छोड़ने और अपने घर जाने के लिए स्वतंत्र हैं। 

केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार ने कहा है कि भारत में आपराधिक मामलों की पेंडेंसी उनके स्वदेश लौटने पर रोक नहीं लगाएगी, लेकिन यह संबंधित ट्रायल कोर्ट द्वारा पारित आदेशों के अधीन होगी जहां उनके खिलाफ आपराधिक मामला लंबित है। 

सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अगर ये सभी जमाती कोर्ट में अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांग लेते हैं तो यह अपने मुल्क वापस जा सकते हैं। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से अपने वीजा निरस्तीकरण को चुनौती देते हुए उनके देश भेजने का अनुरोध किया है। बता दें कि वीजा की शर्तों के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हुए हैं।

27 जुलाई को, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 34 याचिकाकर्ताओं में से 10 ने उनके खिलाफ आपराधिक मामले लड़ने का फैसला किया था, जबकि बाकी 10 लोगों ने ट्रायल कोर्ट में प्ली बारगेनिंग दाखिल की है।

अदालत ने उस दिन मामले को स्थगित कर दिया था, जिसमें मेहता ने उन 10 याचिकाकर्ताओं के संबंध में एक तंत्र को काम करने के लिए कहा था जो दलील देने के लिए तैयार नहीं थे। मेहता ने गुरुवार को अदालत को सूचित किया कि 10 याचिकाकर्ताओं के खिलाफ लुक आउट नोटिस वापस ले लिया गया है।





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