नई दिल्ली
सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने गुरुवार को असम के तेजपुर स्थित सेना के चौथी कोर (Army Chief General MM Narvane reviews preparedness of amrmy at LAC) मुख्यालय का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने अरुणाचल प्रदेश सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत की सैन्य तैयारियों की व्यापक स्तर पर समीक्षा की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। सेना प्रमुख का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर भारत और चीन के बीच 3 महीने से ज्यादा समय से तनाव (India China tension at LAC) बना हुआ है।
सेना प्रमुख ने सैन्य तैयारियों की समीक्षा की
वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों ने सेना प्रमुख को एलएसी के पास सैनिकों और हथियारों की तैनाती के बारे में डीटेल में जानकारी दी। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर चीन के साथ हुई झड़प के मद्देनजर भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में लगभग 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी पर मौजूद सभी संवेदनशील क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है।
एलएसी पर बढ़ी हुई है सेना, एयर फोर्स की तैनाती
सूत्रों ने बताया कि भारतीय वायु सेना ने भी अरुणाचल सेक्टर में एलएसी पर वायु सीमा पर निगरानी रखने के लिए मुख्य ठिकानों पर अतिरिक्त युद्धक विमान और हेलिकॉप्टर तैनात किए हैं। सूत्रों ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में पीछे हटने की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही इसलिए सेना सर्दियों में भी एलएसी पर सैनिकों और हथियारों की संख्या बरकरार रखना चाहती है।
एक सूत्र ने कहा, ‘सेना प्रमुख ने अरुणाचल सेक्टर में सैन्य तैयारियों की व्यापक स्तर पर समीक्षा की।’ अरुणाचल सेक्टर में एलएसी पर निगरानी रखने की जिम्मेदारी सेना की चौथी कोर संभालती है। जनरल नरवणे शुक्रवार को दिल्ली वापस आएंगे।
भारत ने जताई तनाव कम होने की उम्मीद
इस बीच भारत ने गुरुवार को कहा कि वह उम्मीद करता है कि चीन पूर्वी लद्दाख में ‘पूर्ण रूप से पीछे हटने और तनाव की समाप्ति’ सुनिश्चित करने के लिए गंभीरता से काम करेगा जैसा कि पिछले महीने दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों ने निर्णय किया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव पिछले महीने सीमा मुद्दे पर दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधि…. भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच 5 जुलाई 2020 को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर सैनिकों के पूर्ण रूप से पीछे हटाने को लेकर टेलीफोन पर हुई बातचीत का जिक्र कर रहे थे।
चीन शांति बहाली और पूर्ण रूप से पीछे हटना सुनिश्चित करे: भारत
श्रीवास्तव ने कहा, ‘दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की थी कि द्विपक्षीय समझौते और प्रोटोकॉल के अनुरूप वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जल्द एवं पूर्ण रूप से पीछे हटना, भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में तनाव समाप्त करना और पूर्ण रूप से शांति बहाली द्विपक्षीय संबंधों के सहज सम्पूर्ण विकास के लिए जरूरी है।’ उन्होंने कहा कि भारत इस उद्देश्य के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि चीनी पक्ष सीमावर्ती क्षेत्रों में ‘पूर्ण रूप से पीछे हटने, तनाव समाप्त करने’ तथा पूर्ण रूप से शांति बहाली सुनिश्चित करने के लिये गंभीरता से काम करेगा।’