नयी दिल्ली। यूपी एक बार फिर चर्चा में आ गया है। शुक्रवार को सोनभद्र जिले में जमीन के एक टुकड़े के लिये ग्राम प्रधान और उसके समर्थकों और गोंड आदिवासियों के बीच झड़प हुई। इस दौरान प्रधान समर्थकों ने आदिवासियों पर अंधाधुंध गोलियां चलायीं जिसमें 10 आदिवासियों की मौके पर ही मौत हो गयी और डेढ़ दर्ज लोगों का आसपास के जिलों में इलाज चल रहा है। इस मामले को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी अपने समर्थक नेताओं के साथ वाराणसी पहुंची और घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना।
वहां से वो सोनभद्र के लिये चल पड़ी लेकिन उन्हें मिर्जापुर के एक गांव में ही हिरासत में लेने के बाद गिरफ्तार कर लिया। उन्हे स्थानीय सरकारी गेस्ट हाउस में रखा गया। वहां प्रियंका गांधी इस बात को लेकर धरना देने लगीं कि उन्हें मृतकों और घायलों के परिजनों से मिलने जाने दिया जाये। लेकिन स्थानीय प्रशासन और पुलिस प्रियंका गांधी को वहां जाने से रोकने पर अड़ा है। प्रियंका गांधी की मांग है कि उन्हें गिरफ्तार करने और सोनभद्र जाने पर रोक का लिखित आदेश दिखाया जाये।
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य राजनीतिक दलों ने प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी पर नाराजगी जताते हुए यूपी सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया है। यह भी कहा कि सरकार के इशारे पर की गयी प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी अवैध है।
इस पर यूपी के सीएम योगी ने सदन में बयान दिया कि इस मामले के दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा। इस मामले में एक मंडलीय अधिकारी समेत चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त और उसके भाई समेत 29 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले की जांच के लिये अतिरिक्त मुख्य सचिव की निगरानी में एक चार सदस्यीय जांच समिति भी गठित कर दी गयी है जो दस दिनों के बीच अपनी रिपोर्ट सरकार को दे देगी।