नयी दिल्ली। हरियाणा विधानसभा के विधानसभा चुनाव का प्रचार आज शाम को थम जायेगा। आज पीएम मोदी की दो प्रचार रैलियां होनी है। वैसे तो सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। लेकिन मोदी की इन रैलियों का मतलब हर राजनीतिक दल अच्छी तरह समझता है। मोदी चुनाव प्रचार के आखिर दौर में मतदाता को रिझाना जानते है। पुराने चुनावों में ऐसा देखा गया है। एक समाचार चैनल ने अपने सर्वे में हरियाणा में बीजेपी सरकार का बनना तय दिखाया है।
वैसे इन चुनावी सर्वों के आंकड़े कितने सटीक होते हैं ये तो चुनाव परिणाम ही बतायेंगे। वैसे चुनाव प्रचार में यह साफ नजर आ रहा है कि भाषणों में अब स्थानीय मुद्दे नहीं रहते हैं। भाजपा के नेता और पीएम मोदी ने हरियाणा और महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के दौरान पुलवामा हमला, बालाकोट और एयर स्ट्राइक के साथ धारा 370 को ही खूब हवा दी है। शायद लोग यही सब कुछ सुनना पसंद करते है। आम आदमी के मुद्दे रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, महंगाई, खेती किसानी की समस्याओं के बारे में कोई बात ही नहीं करना चाहता। सबको धारा 370, बालाकोट हमला और पुलवामा ही सुनना है।
आज से एक दशक पहले आम चुनाव के मुद्दे विधानसभा के चुनाव से भिन्न होते थे। लेकिन आज हालात में बदलाव आ चुका है। आम चुनाव के मुद्दों पर ही विधानसभा के चुनाव लड़ा जा रहा है। मोदी एण्ड कंपनी अपने पुराने ढर्रे से ही चुनाव प्रचार कर रहे हैं। विफलताओं के लिये कांग्रेस को बुरा भला कहना और राष्ट्रवाद की घुट्टी पूरे देश में पिलायी जा रही है। किसी को भी आर्थिक मंदी नहीं दिख रही है। आटो मोबाइल सेक्टर का भट्ठा बैठ गया है। एफएम भी गाहे बगाहे बेतुका बयान देती है और आटो सेक्टर में आयी मंदी का कारण वो ओला उबर पर थोप देती है। दिलचस्प यह है कि वित्त मंत्री के पति भी अपनी पत्नी की बातों से संतुष नहीं है यह बात उन्होंने एक इंटरव्यू जाहिर की है। कानून मंत्री का भी विचित्र बयान सामने आता है वो कहते हैं कि तीन फिल्में एक दिन में 120 करोड़ का बिजनेस कर रही है। लोग पता नहीं कैसे मंदी की बात कर रहे है। ये बात और है कि बाद में उन्होंने खेद जताते हुए अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। हरियाणा में खट्टर सरकार के पिछले कार्यकाल में कुछ खास किया होता तो आज बीजेपी और पीएम मोदी को विधानसभा चुनाव के प्रचार में पुलवामा, बालाकोट, धारा 370 और एयर स्ट्राइक को लाना नहीं पड़ता। यह भी सुनने में आया है कि लोग खट्टर के बयानों से भी ज्यादा खुश नहीं हैं। बरसात के दिनों में भी गुरुग्राम जैसे शहर में लोगों को भारी जलभराव का सामना करना पड़ा।
अभी हाल में चुनावी प्रचार के दौरान उन्होंने सोनिया गांधी के बारे में एक विवादित बयान दिया था जिसको लेकर सोशल मीडिया में काफी चर्चा रही। खट्टर सरकार के पिछले पांच साल में अपराध खासतौर से बलात्कार के मामलों में काफी तेजी आयी। प्रदेश के एक आईएएस की लड़की का पीछा कर उसका अपहरण करने के प्रयास में बीजेपी के एक बड़े नेता के लड़के को आरोपी बता कर मामला दर्ज कराया गया था। छात्र, शिक्षक, किसान, जाट गूजर और हरियाणा परिवहन कर्मचारियों ने भी अपनी मांगों को लेकर काफी उग्र प्रदर्शन किये। प्रदेश की हालत में कुछ विशेष बदलाव नहीं आया है। लोगों का कहना है कि पिछली सरकार में कोरे आश्वासन और लुभावने वादे किये गये। इतना सबके बावजूद सर्वे बीजेपी की वापसी की घोषणा कर रहे हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि जनता लुभावने वादों और राष्ट्रवाद की घुट्टी पीने की आदी हो गयी है।