नई दिल्ली: बांग्लादेश बॉर्डर से भारत में घुसपैठ कर दाखिल होने वाले चीनी जासूस ने कड़ी पूछताछ में खुलासा किया है कि वो पिछले दो सालों में करीब 1300 भारतीय सिम कार्ड स्मगलिंग करके चीन ले जा चुका है. बीएसएफ और खुफिया एजेंसियों की पूछताछ में चीनी जासूस हान जुनवे ने इस बात का भी खुलासा किया कि चीन में इन सिम कार्ड्स से भारत के अहम एकाउंट्स को हैक करने और फाइनेंशियल फ्रॉड्स में इस्तेमाल किया जाता था.
करीब 36 घंटे की कड़ी पूछताछ के बाद बीएसएफ ने चीनी जासूस हान जुनवे को पश्चिम बंगाल पुलिस के हवाले कर दिया. अब आगे की कानूनी कार्यवाही पश्चिम बंगाल पुलिस ही करेगी. इस बावत मालदा जिले के कालियाचक इलाके की एक थाने में उसपर मुकदमा दर्ज किया गया है.
बीएसएफ के मुताबिक, हान जुनवे ने साल 2019 में गुरूग्राम में अपने एक बिजनेस पार्टनर, सुन जियांग के साथ स्टार-स्प्रिंग नाम का एक बड़ा होटल खोला था. लेकिन ये दोनों इस होटल की आड़ में जासूसी और भोले-भाले भारतीयों की जेब में सेंध लगाने का काम करते थे. बीएसएफ के मुताबिक, फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ये दोनों भारतीय सिम कार्ड खरीदते थे. उसके बाद अंडरग्रामेंट्स में इन सिम-कार्ड्स को छिपाकर चीन ले जाते थे. चीन में इन सिम-कार्ड्स का इस्तेमाल एकाउंट्स को हैक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता था. हालांकि, बीएसएफ ने इस बात का खुलासा नहीं किया है कि किस तरह के भारतीय एकाउंट्स को हैक करने का काम हान जुनवे और सुन जियांग करते थे. और आखिरकार इस हैकिंग के पीछे कौन है और मकसद क्या है.
#Chinese spy Han Junwe disclosed to @BSF_India & intel agencies that till now he has smuggled about 1300 Indian sim cards to #China in past 02 years to hack some impt accounts and for financial frauds too pic.twitter.com/5KmQwfgfmR
— Neeraj Rajput (@neeraj_rajput) June 11, 2021
लेकिन बीएसएफ से हुई पूछताछ में हान जुनवे ने इस बात को कबूल किया है कि इन सिम-कार्ड का इस्तेमाल फाईनेंसियल फ्रॉड के लिए भी किया जाता था. वे भोले-भाले भारतीयों की मनी-ट्रांजेक्शन मशीन से पैसा उड़ा लेते थे. बीएसएफ के मुताबिक, कुछ समय पहले सुन जियांग को यूपी पुलिस की एंटी-टेरेरिस्ट स्कॉवयड (एटीएस) ने फर्जी तरीके से सिम-कार्ड खरीदने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इस मामले में हान जुनवे और उसकी पत्नी भी सह-आरोपी हैं. हान के खिलाफ तो ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी थी. लेकिन उसस पहले गैर-कानूनी तरीके से बांग्लादेश बॉर्डर के जरिए भारत में दाखिल होते हुए बीएसएफ ने हान को मालदा जिले के सुल्तानपुर बीओपी (बॉर्डर ऑउट पोस्ट) यानि चौकी के करीब से धर-दबोचा था.
पूछताछ में हान ने बताया कि वो पहली बार साल 2010 में हैदराबाद आया था. साल 2019 के बाद तीन बार दिल्ली-गुरूग्राम आ चुका है. चारों बार वो बिजनेस के सिलसिले में भारतीय वीजा लेकर ही आया था. उसका मौजूदा पासपोर्ट चीन के हुबई प्रांत से इसी साल यानी जनवरी 2021 से इश्यू हुआ. उसके पासपोर्ट पर बांग्लादेश का वीजा है. यही वजह है कि वो 2 जून के बांग्लादेश की राजधानी ढाका पहुंचा था. वहां अपने एक मित्र के साथ रूकने के बाद हान बांग्लादेश के छपाई नवाबगंज जिले के सोना-मस्जिद इलाके में पहुंचा. यहां एक होटल में रुकने के बाद 10 जून की सुबह हान ने भारत-बांग्लादेश सीमा पर एक नदी के किनारे से पश्चिम बंगाल के मालदा इलाके में घुसपैठ करने की कोशिश की थी, लेकिन वहां पैट्रोलिंग कर रहे बीएसएफ के जवानों ने उसे पकड़ लिया था.
बीएसएफ को चीनी घुसपैठिए की तलाशी लेने पर पासपोर्ट के अलावा एक एप्पल लैपटॉप, 02 आईफोन मोबाइल, 01 बांग्लादेशी सिम, 01 भारतीय सिम, 02 चाइनीस सिम, 2 पेनड्राइव, 03 बैटरी, दो स्मॉल टॉर्च, 05 मनी ट्रांजैक्शन मशीन, 02 एटीएम कार्ड, अमेरिकी डॉलर, बांग्लादेशी टका और भारतीय मुद्रा बरामद हुई थी.
बीएसएफ के एक अधिकारी ने बताया कि चीनी नागरिक के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की गहनता से जांच चल रही है ताकि ये पता चल सके कि वो चीन की किस खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी का काम करता था.