राजस्थान में बेटियां सबसे असुरक्षित हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं। 2020 में देश में सबसे ज्यादा रेप केस राजस्थान में दर्ज किए गए हैं, जबकि दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश है। राजस्थान में एक साल में 5,310 रेप केस दर्ज किए गए, जबकि उत्तर प्रदेश में 2769 केस दर्ज किए गए। वहीं मध्य प्रदेश (2,339) और महाराष्ट्र (2,061) तीसरे और चौथे नंबर पर हैं।

हालांकि, महिलाओं के खिलाफ अपराध में राजस्थान में 16 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है और 34,535 केसों के साथ तीसरे नंबर पर है। वहीं उत्तर प्रदेश 49,385 केसों के साथ पहले और पश्चिम बंगाल 36,439 केसों के साथ दूसरे नंबर पर है। 

राजस्थान में हुए कुल रेप के मामलों में 1,279 पीड़िताएं नाबालिग हैं तो 4,031 व्यस्क हैं। आधे से अधिक केसों में आरोपी परिवार, दोस्त, पड़ोसी या अन्य जानकार हैं। राज्य में अनुसूचित जातियों के सदस्यों के खिलाफ अपराध में भी तेजी आई है। 2018 में राज्य में 4,607 केस दर्ज किए गए थे तो 2019 में बढ़कर 6,794 और 2020 में 7,017 हो गए। 

वहीं, एडीजी, अपराध रवि प्रकाश मेहारदा का कहना है कि अधिक केसों के पीछे वजह आसानी से इन्हें दर्ज किया जाना है। उन्होंने कहा कि रेप केसों में वृद्धि हो रही है, लेकिन 42 फीसदी आरोप जांच में गलत पाए जाते हैं या कई बार पीड़िता और आरोपी आपस में समझौता कर लेते हैं। एडीजी ने यह भी कहा कि एनसीआरबी रिपोर्ट भी कहती है कि अपराध में वृद्धि और पुलिस की ओर से केस दर्ज किए जाने में इजाफा, दोनों अलग चीजें हैं। 

इस बीच, बीजेपी प्रवक्ता मुकेश पारीक ने कहा कि राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में असफल रही है। मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग का जिम्मा है, लेकिन वह अपनी कुर्सी बचाने में व्यस्त हैं। 



Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here