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Edited By Raghavendra Shukla | अहमदाबाद मिरर | Updated:

गांधीनगर
लॉकडाउन में भारी नुकसान झेल रहे छोटे उद्यमियों के लिए गुजरात सरकार राहत भरा प्लान लेकर आई है। गुजरात के कारोबारियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को 14000 करोड़ के आत्मनिर्भर पैकेज का ऐलान किया। इसके तहत प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली बिल और वाहन करों में भारी छूट दी गई है।
वहीं 4 प्रतिशत की ब्याज दर से मिलने वाले एक लाख रुपये के लोन की सीमा बढ़ाकर ढाई लाख रुपये कर दिया है। इस पर बाकी के 4 प्रतिशत का ब्याज राज्य सरकार भरेगी। पैकेज का ऐलान करते हुए राज्य सरकार ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान भारी घाटा झेलने वाले कारोबारियों को यह आत्मनिर्भर पैकेज पटरी पर लौटने में काफी मदद करेगा। प्रदेश सरकार के मंत्री और सरकारी अधिकारियों पैकेज के बारे में विस्तार से जानकारी मीडिया को दी।
संपत्ति कर में 10 फीसदी की छूट
पैकेज के मुताबिक, 100 यूनिट तक बिजली की एकमुश्त छूट उन लोगों को दी जाएगी, जिनकी बिजली खपत 200 यूनिट तक है। इससे राज्य पर 650 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। साल 2020-2021 के लिए संपत्ति कर पर वाणिज्यिक इकाइयों को 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। 600 करोड़ रुपये की इस छूट से लगभग 23 लाख कमर्शल इकाइयों को फायदा होगा।
इसके अलावा अगर 31 जुलाई तक आवासीय क्षेत्रों में संपत्ति कर का भुगतान किया जाता है, तो करदाताओं को 10 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। 144 करोड़ रुपये की लागत की इस योजना से तकरीबन 72 लाख संपत्ति मालिकों को फायदा पहुंचने की उम्मीद है।
बिजली टैक्स में छूट
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा, ‘किराने की दुकानों, रेडीमेड कपड़े की दुकानों, मेडिकल स्टोर, हार्डवेयर की दुकानों, रंग का काम, प्रॉविजन स्टोर, बेकरी, स्टेशनरी, मोबाइल की दुकानों, गैराज, मॉल्स की दुकानों और विभिन्न सेवाप्रदाता कार्यालयों के छोटे व्यापारियों को लॉकडाउन के दौरान कोई आय नहीं हुई। ऐसे में जून, जुलाई और अगस्त महीनों के लिए इलेक्ट्रिसिटी टैक्स को 20 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया है।’ उन्होंने कहा कि इस फैसले से लगभग 30 लाख लोग लाभान्वित होंगे, जिसकी कुल लागत तकरीबन 80 करोड़ रुपये होगी।
रोड टैक्स माफ
कॉन्ट्रैक्ट मालवाहनों, टैक्सियों से जुड़े कारोबारियों को भी लॉकडाउन के दौरान बड़ा झटका लगा है। ऐसे में 1 अप्रैल से 30 सितंबर तक छह महीने के लिए रोड टैक्स उनके लिए माफ कर दिया गया है। इससे 63,000 वाहन मालिकों को लाभ होने की उम्मीद है। इस योजना के लिए राज्य सरकार पर 221 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। आत्मानिर्भर गुजरात योजना-1 के तहत, छोटे व्यापारियों, मध्यम वर्ग और मजदूरों को सहकारी बैंकों और ऋण समितियों से 2.5 लाख रुपये तक का ऋण मिलेगा।
लोन लेने पर ब्याज में छूट
इस लोन के ब्याज का 4 प्रतिशत राज्य सरकार भुगतान करेगी और शेष 4 प्रतिशत लाभार्थी द्वारा वहन किया जाएगा। लोन 3 साल के लिए होगा, और पहले 6 महीनों के लिए लाभार्थियों को किस्त का भुगतान नहीं करना होगा। 6 महीने के बाद 30 महीनों के लिए 4% ब्याज की दर से किस्त की गणना की जाएगी। सरकार ने इसके लिए 300 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। सरकार ने महिला स्वरोजगार को बढ़ावा देने और महिला उत्थान समूहों को ब्याजमुक्त लोन देने के लिए 200 करोड़ रुपये भी आवंटित किए हैं।
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