आने वाली 29 मई को एनएसओ वित्त वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही के जीडीपी आंकड़ों को जारी करेगा.
नई दिल्लीः कोरोना वायरस संकटकाल के दौरान देश में जारी लॉकडाउन 4.0 के तहत औद्योगिक गतिविधियां, कारोबार आदि पूरी तरह से तो नहीं खुले हैं लेकिन आंशिक तौर पर कामकाज चालू हो गया है. अब इसी दौरान वित्त वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही यानी जनवरी-मार्च तिमाही के जीडीपी के आंकड़े आने वाले हैं.
बता दें कि 29 मई को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी नेशनल स्टैटिस्टकल ऑफिस (NSO) वित्त वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही के जीडीपी वृद्धि दर से जुड़े आंकड़े जारी कर देगा. वहीं एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2019-20 की आखिरी तिमाही में देश की जीडीपी गिरकर 1.2 फीसदी पर आ सकती है और पूरे साल का आंकड़ा देखें तो ये पिछले वित्त वर्ष में 4.2 फीसदी रह सकती है.
वित्त वर्ष 2019-20 की तीन तिमाही में कैसे रहे जीडीपी आंकड़े
वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में देश की आर्थिक विकास दर 5.1 फीसदी पर आई थी. इसके बाद दूसरी यानी जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की जीडीपी 5.6 फीसदी पर रही थी. इसके बाद तीसरी तिमाही में भारत की जीडीपी सात साल के निचले स्तर पर आ गिरी थी और ये 4.7 फीसदी पर रही थी.
मार्च के आखिरी हफ्ते में लगा था लॉकडाउन
देश में कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के बाद 25 मार्च से देश में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगा दिया था जिसे 21 दिनों के लिए यानी 14 अप्रैल तक तय किया गया. इसके बाद से लॉकडाउन तीन बार बढ़ाया जा चुका है. दूसरे लॉकडाउन की अवधि 3 मई तक थी और तीसरे लॉकडाउन की अवधि 17 मई तक थी. वहीं लॉकडाउन 4.0 के तहत देश में 31 मई तक लॉकडाउन को लागू किया गया.
एसबीआई रिसर्च रिपोर्ट का अनुमान
मार्च के आखिरी के सात दिनों में लॉकडाउन के चलते देश को करीब 1.4 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक नुकसान का अनुमान एसबीआई की रिसर्च रिपोर्ट में जताया गया है.
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