कोरोना संकट से पटरी से उतरी अर्थव्यवस्था को फिर से रफ्तार देने के लिए जहां कृषि क्षेत्र लीड कर रहा है तो वहीं सबसे ज्यादा रोजगार देने वाले MSME सेक्टर से बड़ी उम्मीदें हैं। स्वावलंबन ई-समिट 2020 में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि हमारे देश के विकास में हमारे MSME सेक्टर का बहुत बड़ा योगदान है, अभी GDP ग्रोथ रेट में से 30% आय MSME से आती है, हमारे 48% निर्यात MSME का है और अभी तक हमने 11 करोड़ नौकरियां पैदा की हैं।
Unregistered enterprises need to register themselves under Micro industry to get the benefit of MSMEs. We are also in the process to cover small traders. We need help from NGOs to encourage such people to register: Union Minister Nitin Gadkari at Swavalamban e-Summit 2020 pic.twitter.com/m8n5ffYCtk
— ANI (@ANI) August 16, 2020
उन्होंने आगे कहा कि मेरा विश्वास और विचार है कि हम आने वाले 5 साल में इसे बढ़ाकर कम से कम 30 प्रतिशत ग्रोथ रेट को 50 प्रतिशत, 48 प्रतिशत निर्यात को 60 प्रतिशत करें और 5 करोड़ नई नौकरियां पैदा करें। अपंजीकृत उद्यमों को MSMEs का लाभ प्राप्त करने के लिए माइक्रो उद्योग के तहत खुद को पंजीकृत करने की आवश्यकता है। हम छोटे व्यापारियों को भी कवर करने की प्रक्रिया में हैं। ऐसे लोगों को पंजीकृत करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हमें गैर सरकारी संगठनों से मदद की आवश्यकता है।
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बता दें कोरोना संकट से निपटने के लिए ऐतिहासिक 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के ऐलान में सबसे ज्यादा राहत एमएसएमई सेक्टर को ही दी गई है। इसके तहत एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का बिना गारंटी लोन की सुविधा दी गई है। इससे 45 लाख एमएसएमई को फायदा हो रहा है। वित्तमंत्री ने कहा था कि एमएसएई 12 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार देते हैं। ऑटोमेटिक लोन होगा। कोई गारंटी नहीं देनी होगी। इसकी समय सीमा 4 साल की होगी। पहले साल में मूलधन नहीं चुकाने होंगे।