होगी बीजेपी की मंशा पूरी,टूटने को है आम आदमी पार्टी
पिछले दो तीन सालों से भाजपा की दिली मंशा है कि किसी तरह आम आदमी पार्टी का वजूद ही खत्म हो जाये। इस लिये उसने जांच एजेंसियों को पूरी तरह से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के पीछे लगा दिया है। 2022 से सीबीआई और ईडी ने पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन, मनीष सिसोदिया सांसद संजय सिंह और पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को जेल में बंद करवा दिया था। इस बीच मोदी शाह ने आप के मंत्रियों कैलाश गहलौत, आरके आनंद समेत दो दर्जन नेताओं और विधायकों को पार्टी छोड़ने पर मजबूर करे दिया।
आप के आठ विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दिया
चुनाव के ठीक पांच दिन पहले आठ विधायकों ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी छोड़ने वाले विधायकों में नरेश यादव मेहरौली, पवन शर्मा आदर्शनगर, भावना गौड़ पालम, त्रिलोकपुरी के विधायक रोहित मेहरोलिया, कस्तूरबा नगर विधायक मदन लाल हैं। समाचारों की मानें तो सात विधायकों ने भाजपा ज्वाइन भी कर ली है।
ऐसे में यही अंदाजा लगाया जा रहा है कि इस सबके पीछे भाजपा का ही हाथ है। वैसे इन आठों विधायकों को पार्टी ने इस बार टिकट काट दिया है। इस बार पार्टी 30विधायकों का टिकट काटा है। शायद इससे भाजपा की जीत की संभावना दिख रही है। इस बात का भी असंतोष पार्टी के नेताओं पर दिखा है। यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि ऐसे हालातों में आम आदमी पार्टी की जीत पर असर हो सकता है। वहीं केजरीवाल एण्ड कंपनी इस बात का दावा कर रही है कि इस बार भी 60 से अधिक उनके उम्मीदवार जीत कर आने वाले हैं। केजरीवाल चौथी बार सीएम बनने के लिये पूरी ताकत झोंक रहे हैं।
भाजपा और कांग्रेस दिल्ली जीतने का ख्वाब देश रहे हैं
इस बार दिल्ली विधानसभा चुनाव में मामला त्रिकोणीय होता दिख रहा है। वैसे तो साफ नजर आ रहा है सीधा मुकाबला आप और भाजपा के बीच है लेकिन इस बार कांग्रेस भी चुनाव में कमर कस कर उतर चुकी है। दोनों पार्टियों के निशाने पर अरविंद केजरीवाल और दिल्ली सरकार है। कांग्रेस और भाजपा दिल्ली सरकार और केजरीवाल पर घोटालों का आरोप लगाने से चूक नहीं रहे हैं। जो लोग पहले केजरीवाल सरकार पर रेवड़ी बांटने का आरोप लगाते रहे हैं। आज वही लोग मुफत पानी बिजली, शिक्षा, बस यात्रा और स्वास्थ्य सुविधा देने का वादा कर रहे हैं। चर्चा हो रही है कि दिल्ली में तो सरकार आम आमी पार्टी की ही बननी है। भाजपा और कांग्रेस तो केवल वादों का दावा कर रहे हैं। जनता को भी उसी पर भरोसा है जिसने पिछले दस सालों में जनता को मु्फ्त बिजली पानी, मेडिकल बस यात्रा बेहतर स्कूल और शिक्षा मुहैया करायी है। यह कहा जा रहा है कि भाजपा केवल चुनाव जीतने के लिये झूठे वादे कर रही है उसके शासित राज्यों क्या यह सब सुविधाएं मिल रही हैं।
भाजपा और कांग्रेस ने भी किया रेवड़ियां बांटने का दावा
आप नेता जनता को यही समझा रहे हैं कि भाजपा की सरकार बनी तो जो सुविधाएं केजरीवाल सरकार दे रही हैं। वो सब योजनाएं भाजपा बंद कर देगी। वैसे पीएम मोदी से लेकर भाजपा यह कहती रही है कि दिल्ली की आप सरकार दिल्लीवालों को मुफ्तखोर बना रही है। देश की अर्थव्यवस्था को मुफ्तखोरी से बुरा असर पड़ रहा है। दिल्ली चुनाव जीतने को भाजपा पूरी तौर पर रेवड़ियां बांटने का झूठा वादा कर रही है। पिछले तीन चुनावों में भाजपा का प्रचार करने के लिये पीएम मोदी से लेकर पूरी केन्द्र सरकार युद्ध स्तर पर जुटी थी। लेकिन आप के आगे भाजपा और मोदी का मैजिक न चल पाया। इसी बात का मलाल मोदी शाह और नड्डा को है।
कांग्रेस और आपके बीच आरोप प्रत्यारोप की जंग
जो कांग्रेस और आप पिछले साल लोकसभा चुनाव में एक साथ मिलकर मोदी सरकार और भाजपा का विरोध कर रहे थे। इस चुनाव में पानी पी पी कर एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रहे हैं। पहले यह माना जा रहा था कि राहुल गांधी केजरीवाल पर निजी हमले नहीं करेंगे लेकिन पहली रैली से ही उन्होंने केजरीवाल पर जोरदार हमले किये। उन्होंने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रही हैं।

वहीं केजरीवाल ने पोस्टर में भ्रष्टाचारियों की लिस्ट में मोदी शाह के बाद तीसरे नंबर पर राहुल गांधी को दिखाया है। संदीप दीक्षित ने तो केजरीवाल के खिलाफ जांच के लिये एलजी को पत्र तक लिखा है। वहीं अजय माकन ने केजरीवाल को देशद्रोही तक कह डाला है। चुनाव परिणाम किसी के पक्ष में आयें। लेकिन मतलबी राजनीति का असली चेहरा इस चुनाव में देखने को मिला गया है।