भारत-चीन के बीच सीमा पर चल रहे तनाव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुक्रवार शाम सर्वदलीय बैठक होने जा रही है। इस बैठक में दोनों देशों (भारत-चीन) के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी समेत सीमा की हालिया घटनाओं पर चर्चा होगी। 

सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, ममता बनर्जी समेत कई दलों के अध्यक्ष शामिल होंगे। लेकिन बैठक में आम आदमी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को न्योता नहीं दिया गया है। माना जा रहा है कि बैठक में उन ही दलों को न्योता भेजा गया है, जिनके पांच से अधिक सांसद हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक को लेकर गुरुवार शाम को प्रमुख दलों के नेताओं से फोन पर बात की और बैठक के लिए न्योता दिया। यह बैठक वर्चुअली होगी।

आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा है कि आरजेडी को इस सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाया गया है। तेजस्वी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री कायार्लय और रक्षा मंत्री से जानना चाहा है कि इस सर्वदलीय बैठक में राजनीतिक दलों को बुलाने का मापदंड क्या है? उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी को अब तक इस बैठक में भाग में लेने के लिए आमंत्रण नहीं आया है। 

वहीं, आम आदमी पार्टी की राज्यसभा सांसद ने ट्वीट कर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने लिखा, ‘केन्द्र में एक अजीब अहंकार ग्रस्त सरकार चल रही है। आम आदमी पार्टी की दिल्ली में सरकार है, पंजाब में मुख्य विपक्षी पार्टी है, 4 सांसद हैं, लेकिन किसी महत्वपूर्ण विषय पर भाजपा को AAP की राय नहीं चाहिये। कल की बैठक में प्रधानमंत्री क्या बोलेंगे पूरे देश को इंतज़ार है।’

सर्वदलीय बैठक में कौन-कौन से दल होंगे शामिल?

भारत-चीन सीमा विवाद पर पांच से अधिक सांसदों वाले दल शामिल होंगे। जिन दलों के पांच से ज्यादा लोकसभा सांसद हैं, उनमें बीजेपी (303), कांग्रेस (52), डीएमके (24), वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (22), टीएमसी (22), शिवसेना (18), जेडीयू (15), बीजू जनता दल (12), बीएसपी (10), तेलंगाना राष्ट्र समिति (09), लोक जनशक्ति पार्टी (6) शामिल हैं।





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