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एक तरफ पीएम मोदी देश के कोने कोने में घूम घूम कर भ्र्ष्टाचार के विरोध में जोरदार भाषण देते हैं। वहीं दूसरी ओर उनकी सरकार के सीएम पर अनेक घोटालों का आरोप लग रहा है। जब वो कांग्रेस में थे तो उन पर भाजपा अनेक गंभीर आरोपों में घेरती रहती थी। लेकिन जब से हेमंता बिस्व सरमा ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी की शरण ली है तब से भाजपा ने उन पर लगे सभी आरोपों से पल्ला झाड़ लिया है। आज वही विस्व सरमा असम के सीएम बनाये गये हैं। यानि उन पर लगे सभी दाग बीजेपी की धुलाई मशीन से धुल गये है। इस बार असम के सीएम की पत्नी पर जमीन खरीदफरोख्त में धोखा धड़ी करने का आरोपी कांग्रेस ने लगाया है। सीएम की पत्नी रिनिकी भुइया सरमा पर इससे पहले पीपीई किट मामले में भी फर्जी वाड़ा करने का अरोप 2020 में लग चुका है। उस समय दिल्ली के डिटी सीएम मनीष सिसोदिया ने हिमता विस्व सरमा की पत्नी पर फोरजरी करने का आरोप लगाया था।
सीएम की पत्नी पर करोड़ो डकारने का आरोप
असम के सीएम हिमंता विस्व सरमा की पत्नी पर कांग्रेस ने एक गंभीर आरोप लगाया कि उन्होंने 50 बीघा जमीन को धोखाधड़ी कर केन्द्र सरकार की किसान संपदा योजना से 10 करोड़़ रुपये का अनुदान लिया है। कांग्रेस ने इस मामले में प्रेसवार्ता के सामने वो सभी दस्तावेज रखे जिसका वो आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने जमीन खरीदने से लेकर पीएम किसान संपदा योजना के तहत प्रदान किये गये 10 करोड़ रुपये अनुदान के प्रमाण भी दिये।
किसान संपदा मे हेरफेर कर करोड़ों अनुदान का आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता गोविंद वल्लभ ने प्रेस वार्ता में बताया कि 2021 में असम में भाजपा सरकार के सीएम हिमंता बिस्व सरमा ने पद की गोपनीय औंर संविधान की रक्षा की शपथ ली और उसके कुछ समय बाद ही उनकी पत्नी रिनकी भुइया सरमा ने एक कंपनी प्राइड ईस्ट एंटरटेनमेंट प्रा लिमिटेड कंपनी बनायी जिसकी वो सीएमडी थी। वेबसाइट के अनुसार कंपनी नार्थ ईस्ट की प्रमुख कंपनी है। इस कंपनी के नाम पर रिनकी सरमा ने करजिया बाद नौगाव असम में 50 बीघा से अधिक खेती की जमीन औने पौने दामों में खरीदी और कुछ दिनों में ही उसे खेती की जमीन से कामर्शियल करा ली गयी। लोगों को सरकारी अनुदान पाने के लिये सालों साल लग जाते हैं उन्हें अनुदान नहीं मिलता है लेकिन राजनीतिक रसूख रखने वाले निजी स्वार्थ के लिये अनुदान आनन फानन में मिल जाता है।
फूड प्रौसैसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर फ्राड
कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि यह बात कितनी हास्यास्पद है कि सरकारी आंकड़ा है कि किसान कड़ी मेहनत करने के बाद 27 रुपये दिन भर में कमाता है। वहीं एक मीडिया कंपनी को बिना जांच पड़ताल किये फूड प्रोसेसिंग प्रोजेक्ट के नाम पर 10 करोड़ का अनुदान दे दिया जाता है क्यों कि वो एक ऐसे प्रदेश के सीएम की पत्नी हैं। भाजपा के राजनीति रसूख का इस्तेमाल का ऐसा नमूना शायद ही देखने को मिलेगा। मोदी सरकार किसानों की आय दुगुना करने का झांसा तो कई सालों से दे रही है लेकिन राजनेताओं की जेबें भरतने में वो देर नहीं लगाती है। इतना ही नहीं कंपनी ने पीएम किसान संपदा योजना के तहत 10 करोड़ का अनुदान भी प्राप्त कर लिया। कंपनी की सीएमडी ने अनुदान मांगते समय यह दर्शाया कि वो फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में काम करना चाहती है उसका कुल बजट 25 करोड़ का बताया गया। इस काम में विभाग ने वो तेजी दिखायी जो आम तौर पर देखने को नहीं मिलती है। इसका भी एक ही कारण था कि इसके पीछे असम के सीएम हिमंता बिस्व सरमा व उनकी पत्नी रिनकी भुइया सरमा बताये जा रहे हैं।