Balrampur: संदिग्ध ISIS आतंकी की पत्नी ने बताया- समझाने पर करता था मारपीट, देखता था आतंकी संगठन के वीडियो


हाइलाइट्स:

  • ISIS संदिग्ध आतंकी की पत्नी ने बताई आपबीती
  • रोकने-समझाने पर मारपीट करता था अबू यूसुफ
  • मोबाइल पर देखता था आतंकी संगठन के वीडियो
  • पिता ने कहा- पर्याप्त संपत्ति, जाने क्यों चुना नरक का रास्ता

बलरामपुर
आईएसआईएस (ISIS) के संदिग्ध आतंकवादी की गिरफ्तारी के बाद उसकी पत्नी आएशा ने बताया कि जब भी रोकने या समझाने की कोशिश की गई, तो यूसुफ मारपीट करता था। आएशा ने बताया कि यूसुफ बीते काफी समय से घर पर संदिग्ध चीजों को जुटाता रहता और मोबाइल पर आतंकवादी संगठनों के वीडियो देखता रहता था।

हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में आएशा ने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बताया, ‘वह पहले खाड़ी देश में काम करता था। 2006-07 में वापस लौटने के बाद वह मुंबई और हैदराबाद में नौकरी के सिलसिले में गया। 2010 में हमारी शादी हुई। वह घर पर आता-जाता रहता। बाद में उसे उत्तराखंड में नौकरी मिली लेकिन पीठ पर चोट की वजह से 2013 में घर लौट आया। 6 महीने बाद उसने फिर से काम शुरू किया। 2015 में उसने नौकरी छोड़ दी और घर लौट आया। उसी वक्त से यूसुफ के व्यवहार में काफी बदलाव आ गया।’

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पत्नी ने बताया, ‘वह खुद को कमरे में बंद कर लेता और रातभर बैठकर मोबाइल पर वीडियो देखता रहता। किसी को भी कमरे में जाने की मनाही थी। 2018 में उसने नौकरी करना छोड़ दिया और एक रिश्तेदार के साथ मिलकर दुकान खोलने का फैसला किया। वह कई सारी संदिग्ध चीजों को घर पर लाता, जिसमें विस्फोटक भी भी शामिल रहते थे। घर में किसी को भी इस बारे में पता नहीं था। मैंने जब भी कुछ पूछने या समझाने की कोशिश की तो मेरे साथ मारपीट और गालीगलौज की गई।’

यूसुफ के पिता कफील ने कहा, ‘मेरे पास पर्याप्त संपत्ति है। 22 बीघा खेत और उसके अलावा 10 बीघा आम का बागीचा। मुझे नहीं पता कि क्या सोचकर उसने नरक का रास्ता चुना। मैंने अपने बच्चों में इस तरह की सोच कभी नहीं डाली। मुझे अफसोस है कि वह इस तरह की गतिविधियों में शामिल था। काश उसे एक बार के लिए माफ किया जा सके लेकिन उसने गलत काम किया है। अगर मुझे उसकी गतिविधियों के बारे में पता होता तो मैं उसे हमेशा के लिए हमें छोड़ने को कहता।’

आएशा और यूसुफ के चार बच्चे हैं, जिनमें सारा (8), इब्राहिम (7), साफिया (6), यूसुफ (3) हैं। पत्नी आएशा ने कहा, ‘मेरे चार बच्चे हैं, मैं कहां जाऊंगी? काश उसे माफ किया जा सकता। मैं चाहती हूं कि सभी बच्चे पढ़ें और जिंदगी में बेहतर करें।’ यूसुफ के भाई हाशिब (33) और हाफिज (30) गल्फ में ड्राइवर का काम करते हैं। सबसे छोटा अकील (20) बेंगलुरु में नौकरी करता है और लॉकडाउन में घर आया हुआ है।



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