बिहार में होगा बड़ा बदलाव!
बिहार में साल के अंत तक विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। इसलिय वहां
चुनावी बयार बहने लगी है। कोई जन गण यात्रा निकाल रहा है तो कोई बात
बिहार की और कोई बिहार फस्र्ट बिहार फस्र्ट बिहारी की बात कर रहा है।
वहीं बिहार के सीएम नितीश कुमार जल जीवन हरियाली की बात कर रहे हैं।
राजनीतिक पंडित प्रशांत किशोर ने भी सत्ताधारी दलों के खिलाफ बगावती सुर
बुलंद दिये हैं। उन्होंने बीजेपी और आरजेडी पर चुनावी प्रचार में निशाने
पर रखने की मंशा जाहिर कर दी है। राजनीतिक पंडितों की मानें तो बिहार में
यदि युवा शक्ति एकजुट हो गयी तो सुशासन बाबू और बीजेपी की मुश्किलें बढ़
सकती हैं।
आरजेडी के तेजस्वी ने पिछले आम चुनाव में महागठबंधन के नाम पर काफी मेहनत
की लेकिन रिजल्ट जीरो रहा। जेडीयू और बीजेपी ने यहा महागठबंधन की हवा
निकाल दी। इससे आरजेडी के अरमानों पर ठंडा पानी पड़ गया। वहीं बीेजेपी और
जेडीयू के हौसले काफी बुलंद हो गये हैं। लेकिन विधानसभा चुनाव में
विपक्षी दलों ने लामबंदी शुरू कर दी है। यह भी कयास लगाये जा रहे हैं
चुनाव के करीब आते ही सुशासन बाबू भी मौसम के हिसाब से पाला बदल सकते
हैं। ऐसा वो कई बार पहले भी कर चुके हैं। सत्ता के लिये उन्होंने लालू और
कांग्रेस से गठजोड़ कर लिया था। उसके बाद मौका देख कर महागठबंधन से
किनारा कर बीजेपी से हाथ मिला लिये और एक बार फिर सीएम बन गये।
प्रदेश में चुनावी समीकरण किसके पक्ष में रहेंगे यह तो समय ही बतायेगा।
लेकिन बिहार में यह भी चर्चा चल रही है कि तेजस्वी और कन्हैया यदि एक साथ
आ गये तो सुशासन बाबू के लिये समस्या पैदा हो सकती है। लेकिन अभी यह
सिर्फ लोगों के दिल का ख्याल है। लेकिन राजनीति में कुछ असंभव नहीं है।
पीके यदि इस मामले में पहल करें तो कन्हैया और तेजस्वी एक बार को हाथ
मिला सकते हैं ऐसी बातें भी सुनाई पड़ रही हैं।
लोजपा युवा नेता चिराग पासवान ने भी इस बार बिहार में पूरी तरह कमर कस ली
है। उन्होंने भी फसस्र्ट बिहार बिहारी फस्र्ट यात्रा के जरिये बिहार की
जनता से जुड़ने का प्रयास किया है। उन्होंने यह कह दिया है कि इस बार
लोजपा 243 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने जा रही है। इससे सीधे सीधे
सुशासन बाबू और बीजेपी के लिये खतरे की घंटी बजती दिख रही है।