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एक लव स्टोरी का ऐसे हुआ दर्दनाक अंत

कहते हैं कि इश्क और मुश्क छुपाये नहीं छुपता। यह भी कहा गया है कि प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती है। इश्क किया नहीं जाता बस हो जाता है। लेकिन यह भी सही है कि ऐसे किस्सों का कभी कभी अंत काफी दर्दनाक होता है। अक्सर देखा गया है कि नयी उम्र की युवतियों को अपने टीचर से लगाव हो जाता है। और वो लगाव कब उनकी जिंदगी का सुकून हो जाता है पता ही नहीं चलता। न दिन का सुकून रहता और न रात की नींद। बस इसी को कम उम्र का बुखार समझा जाता है। ऐसा ही एक किस्सा बिहार की राजधानी पटना में देखने को मिला था। जहां पटना विवि में हिन्दी विभाग के एक रीडर प्रोफेसर को अपनी छात्रा के साथ इश्क हो गया। प्रोफेसर की माशूका की उम्र से 30 साल कम थी। लेकिन कहते हैं कि इश्क अंधा होात है। लेकिन समाज ने उनके इस प्रेम को को स्वीकार नहीं किया। इसके बावजूद उन्होंने विवाह तो किया लेकिन ज्यादा दिनों तक उनका विवाह कायम नहीं रहा। आज के समय में प्रोफेसर साहब भागलपुर के गांव में बच्चों को पढ़ा रहे हैं और उनकी प्रेमिका पोर्ट आफ स्पेन में नयी जिंदगी किसी और के साथ बिता रही है।
Julie Matuknath Love Story
बात है साल 2004 की, जब पटना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मटुकनाथ ने एक कैंप लगाया था. इस कैंप में यूनिवर्सिटी की जूली भी पहुंची थी. इस दौरान दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई थी. बातचीत का सिलसिला प्यार में बदला.
बात है साल 2006 की, ये वो वक्त था जब पटना बीएन कॉलेज के तत्कालीन प्रोफेसर मटुकनाथ और उनकी छात्रा जूली जो उनसे 30 साल छोटी थी। दोनों की प्रेम कहानी चर्चा में तब आई जब दोनों में अथाह प्रेम हो गया था। उम्र और गुरु शिष्या के रिश्ते के वजह से दोनों की प्रेम कहानी की लगातार चर्चा होती रहती थी।

पत्नी ने गंभीर आरोप लगाये हुआ तलाक
साल बीतते गए चर्चा होती रही। इसके बाद मटुकनाथ और जूली दोनों लिवइन में रहने लगे थे। जिसके बाद पत्नी ने गंभीर आरोप लगाए और दोनों का तलाक हो गया। मटुकनाथ की परेशानी बढ़ती गई और फिर उन्हें कानूनी लड़ाई भी लड़नी पड़ी। थोड़े वक्त बाद उन्हें पद से भी बर्खास्त कर दिया गया। साल 2014 में जूली ने मटुकनाथ का साथ छोड़ दिया और पोर्ट ऑफ स्पेन में रहने लगी। जिसके बाद मटुकनाथ अकेले पड़ गए। हालांकि साल 2020 में मटुकनाथ अपनी प्रेमिका जूली को लेने सात समुंदर पार भी गए लेकिन जूली ने आने से इंकार कर दिया।
बहराल, कोरोना महामारी के बाद मटुकनाथ ने गांव में स्कूल खोला. अब वो वहां बच्चों को पढ़ा रहे हैं। मटुकनाथ ने बताया कि वो प्रेम से दूर नहीं हैं. लोगों को प्रेम करना चाहिए, शादी हो न हो लेकिन प्रेम करना चाहिए. उनके नजरिए से शादी बंधन और प्रेम स्वतंत्रता है. उन्होंने कहा कि शादी होना मतलब बंधन बांधना है. पति-पत्नी के रिश्ते को लेकर कई चुटकुले भी बने हैं. प्रेम स्वतंत्रता में पलता है. प्रेम के लिए खुला आकाश चाहिए, लेकिन शादी खुला आकाश नहीं देती है. शादी मतलब प्रेम की मृत्यु है. उनका कहना कि मुझे आज भी जूली का इंतजार है लेकिन वो ये भी जानते है कि जूली अब उनके पास नहीं आने वाली है.
कुछ ऐसे शुरू हुआ दोनों के बीच प्रेम
बात है साल 2004 की, जब पटना यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर मटुकनाथ ने एक कैंप लगाया था। इस कैंप में यूनिवर्सिटी की जूली भी पहुंची थी। इस दौरान दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई थी। जिसके बाद दोनों ने अपने फोन नंबर चेंज किए और दोनों के बीच घंटों फोन पर बात करने का सिलसिला शुरू हो गया। मटुकनाथ के मुताबिक, एक दिन जूली का फोन आया और उसने कहा कि वो मुझे पसंद करती हैं और मुझसे शादी करना चाहती हैं। बातचीत का सिलसिला प्यार में बदला और फिर दोनों लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे। जिसके बाद 15 जुलाई 2006 को स्टूडेंट से अफेयर होने के वजह से मटुकनाथ को हिंदी डिपार्टमेंट के रीडर पद से सस्पेंड कर दिया गया था। इसके बाद 20 जुलाई 2009 को उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। 2006 में दोनों की प्रेम कहानी नेशनल इंटरनेशनल मीडिया में सुर्खियों में रही। इधर सस्पेंड और बर्खास्तगी के बाद मटुकनाथ के लिए मुश्किलें कम नहीं हुई थी। उनके खिलाफ कई जगहों पर स्टूडेंट्स और लोगों ने नारेबाजी की। उनके और जूली के साथ रिश्ते को गलत बताया। वहीं मटुकनाथ की पत्नी को जब उनकी लव स्टोरी की खबर लगी तो उन्होंने दोनों को जेल भिजवा दिया था। हालांकि, जेल से छूटने के बाद दोनों की लाइफ सामान्य हो गई। मटुकनाथ की यह शिष्या और उनके जीवन के प्यार ने इन दिनों अध्यात्म का रुख कर लिया है और प्रेम के लिए चर्चित ‘लव गुरु मटुकनाथ फिर तन्हा हो गए है. अब मटुकनाथ बच्चों को पढ़ा रहे हैं. भागलपुर के कोरचक्का में उन्होंने स्कूल खोला। अब मटुकनाथ ओशो में लीन हैं।

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