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बीजेपी के बुरे दिन शुरू हो गये हैं। पिछले मंगलवार को जेडीएस और एनडीए में शामिल हुआ और सप्ताह भीतर ही जेडीएस के नेताओं अपना विरोध जताना शुरू कर दिया है। जेडीएस का वर्चस्व कर्नाटक और केरल में है। दोनों जगहों पर विरोध शुरू हो गया है। सबसे पहले पार्टी के मुस्लिम नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दे कर विरोध जता दिया। उसके बाद कर्नाटक के कुछ और नेताओं ने एनडीए में जाने से इनकार कर दिया। उसमें एक महिला विधायक करियम्मा नायक ने भी विरोध जताते हुए कहा कि वो सभी वरिष्ठ नेताओं का सम्मान करती हूं। मैं अपने इलाके में बीजेपी का गठबंधन नहीं मानूंगी। इसी तरह केरल में उनकी पार्टी के दो विधायक हैं जिनमे के कृष्ण कुट्टी सरकार में बिजली मंत्री हैं और दूसरे जे ई थामस हैं जो प्रदेश में जेडीएस के अध्यक्ष हैं दोनों ही साफ कर दिया है कि वो पहले वाले गठबंधन को ही आगे जारी रखेंगे। वो बीजेपी का गठबंधन नहीं चाहते हैं। इससे भाजपा को भारी नुकसान होते दिख् रहा है क्यों कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा को कांग्रेस बुरी तरह हरा कर सरकार बनायी है। इस तरह दक्षिण भारत में भाजप पूरी तरह से साफ हो गयी थी। लेकिन जेडीएस के बात बनने पर उन्हें कुछ उम्मीद हुई थी लेकिन जेडीएस की अंदरूनी कल से उनकी खुशी काफूर हो गयी है।
पार्टी नेताओं ने दिखाये अपने तेवर
पूर्व पीएम एचडी दैवेगौड़ा ने पार्टी को जिंदा रखने के लिये बीजेपी से एक सप्ताह पहले गठबंधन किया था। लेकिन सप्ताह भीतर ही उनकी पार्टी के अंदर टूट होने लगी। पहले पार्टी से मुस्लिम नेताओं ने किनारा करना शुरू कर दिया। पिछले विधानसभा चुनाव में जेडी एस ने कांग्रेस के साथ करार किया था और चुनाव लड़ा लेकिन इससे उन्हें काफी नुकसान हुआ परिणाम में उनको काफी कम जगह पर जीत हासिल हुई वहीं कांग्रेस ने भारी जीत हासिल करते हुए सरकार बना ली। ऐसे में जेडीएस का भारी नुकसान हुआ। इस नुकसान को पूरा करने को जेडीएस अध्यक्ष पूर्व पीएम दैवे गौड़ा ने भाजपा के साथ जाने का फैसला किया और पिछले मंगलवार को दिल्ली में विधिवत गठबंधन में शामिल हो गये। लेकिन उनके इस फैसले पर पार्टी के अंदर फूट देखी जा रही है। पार्टी के नेता इस बात को तैयार नहीं कि पार्टी भाजपा के साथ मिल कर आगामी आम चुनाव लड़े। खास तौर से मुस्लिम नेताओं ने पार्टी से किनारा कर ये साफ कर दिया कि वो भाजपा के साथ नहीं जा सकते हैं।
भाजपा को और भी झटके लगे
एक डेढ़ माह पहले पीएम मोदी ने दिल्ली में 38 दलों के नेताओं के साथ एकजुट होने का प्रदर्शन किया था। लेकिन धीरे धीरे घटकों ने अलग होने का फैसला कर लिया है। इन दलों में सबसे बड़ा झटका एआईएडीएमके ने दिया है। तमिलनाडु में बीजेपी के अध्यक्ष अन्नामलाई के बेतुके बयानों से एआईएडीएमके के नेताओं में काफी गुस्सा है उनका कहन है कि अन्नामलाई उनके महान नेताओं दुरै स्वामी और जय ललिता के बारे में विवादित बयान देते रहते हैं जो पार्टी बर्दाश्त नहीं कर सकती है। ऐसे कहते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता के जयकुमार ने कह दिया कि वो अब एनडीए का हिस्सा नहीं रहेंगे। तमिलनाडु में भाजपा का कोई वजूद नहीं है हम अब प्रदेश में अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे। इस बात की पार्टी की ओर से विधिवत घोषणा भी कर दी गयी है।
पवन कल्याण ने भी किया किनारा
आंध्र प्रदेश की पार्टी के अध्यक्ष ऐक्टर पवन कल्याण ने भी साफ कर दिया है कि अब वो एनडीए के घटक दल नहीं रहना चाहते हैं जब कि पीएम के साथ बगल में खड़े हो कर फोटो सेशन कराया था। उनका यह रियेक्शन उस समय आया जबकि पूर्व आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू को वहां की सीबीसीआई ने कौशल विकास योजना में तीन सौ करोड़ से अधिक राशि के घोटाले के आरोप गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। इससे बचने के लिये पहले नायडू हाई कोर्ट गये लेकिन वहां से उन्हें राहत नहीं मिली और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली है। वैसे चर्चा है कि नायडू फिर से एनडीए के घटक दल बनने को इच्छुक हैं। लेकिन आंध्र के सीएम जगन मोहन रेड्डी पीएम के काफी करीब होते जा रहे हैं और वो नहीं चाहते हैं कि आंध्र का कोई राजनेता एनडीए में शामिल हो। यह भी कहा जा रहा है। चंद्रबाबू नायडू पर पुलिसिया कार्रवाई भी जानबूझ कर ऐसे समय पर की गयी जब नायडू एनडीए की ओर हाथ बढ़ा रहे हैं।