#UP CM Yogi# BJP Govt.# Chief Secy, Manoj Singh# Journalist Abhishek Upadhayay report on Scam# Maruti Educational Society# 3 firms on govts. radar

आपको मालूम होगा कि यूपी की योगी सरकार पर देश की वित्तीय संस्थाओं ने 6 लाख 14 हजार 778 और अन्य संस्थाओं से लोन ले रखा है। इतना ही नहीं केन्द्र की मोी सरकार ने भी यूपी सरकार को 52 हजार 327 करोड़ से अधिक का लोन दे रखा है। ऐसे में यूपी के चीफ सेक्रेटरी मनेाज सिंह ने मारुति एजुकेशनल ट्रस्ट समेत 13 को दी सैकड़ों करोड़ रुपये की माफी! अकेले मारुति के 170 करोड़ माफ कर दिया है। इसे कहते हैं बाप मर गया अंधेरे में बेटे नाम पॉवर हाउस। सरकार कर्ज से डूबी पड़ी है उसे आर्थिक व्यवस्था सुधारने की पड़ी वहीं मुख्य सचिव ने सरकार के खजाने को 2500 करोड़ की 13 औद्यागिक संस्थाओं को राहत दी है।
पत्रकार अभिषेक उपाध्याय-
शासन ने कहा “वसूलो” चीफ सेक्रेटरी ने कहा, “माफ करो”
और सैकड़ों करोड़ हो गए माफ! यूपी के चीफ सेक्रेटरी ने एक झटके में माफ कर दिए सैकड़ों करोड़, शासन न-न करता रह गया! हैरान करने वाला खुलासा- यूपी के चीफ सेक्रेटरी मनोज कुमार सिंह ने माफ किए सैकड़ों करोड़! मारुति एजुकेशनल ट्रस्ट के 170 करोड़ माफ किए.. यमुना विकास प्राधिकरण ने दी थी वसूली की नोटिस यूपी के न्याय विभाग ने भी कहा था, वसूल करो.. उत्तर प्रदेश शासन ने कहा था, वसूल करो।
फिर भी चीफ सेक्रेटरी ने वसूली से राहत दी। मारूति एजुकेशनल ट्रस्ट समेत 13 आवंटियों को सैकड़ों करोड़ की राहत दी.. चीफ सेक्रेटरी ने निवेश का माहौल बेहतर करने का हवाला दिया कहा- जांच कमेटी को नियम कानूनों की पूर्ण जानकारी नहीं।
घोटालों में घिरे चीफ सेक्रेटरी, सरकार सन्न, कार्रवाई की मांग
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा मेसर्स मारुति एजुकेशनल ट्रस्ट बनाम यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण मामले में पारित आदेश की जांच की मांग की है। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ को भेजी अपनी शिकायत में उन्होंने कहा है कि यमुना एक्सप्रेसवे ने वर्ष 2009 में 25-250 एकड़ योजना के तहत 1629 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से भूमि आवंटन किया था। वर्ष 2017 में भूमि आवंटन की दर का परीक्षण करते हुए इसे 2670 रुपए प्रति वर्ग मीटर निर्धारित किया गया और इस संबंध में 13 अवंटियों को 1041 रुपए प्रति वर्ग मीटर का अतिरिक्त भुगतान करने के नोटिस जारी किए गए।
पूर्व आईपीएस ठाकुर और योगी का छत्तीस का आंकड़ा
पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और सीएम योगी आदित्यनाथ का छत्तीस का आंकड़ा 2017 के बाद से चल रहा है। अमिताब ठाकुर को योगी सरकार ने जबरन उनका रिटायरमेंट कर दिया था। यह कहा गया कि ठाकुर पद के अनुसार क्षमता नहीं दिखा पा रहे हैं। अत: शासन ने उन्हें जबरन ​पदमुक्त कर दिया। इस बात को लेकर अमिताब ठाकुर कोर्ट चले गये। लेकिन सरकार का रवैया उनके प्रति अपेक्षाकृत ठीक नहीं था। इस बीच ठाकुर ने जनअधिकार पार्टी का गठन कर लिया। 2022 के विधानसभा के चुनव के वक्त अमिताभ ठाकुर ने यह ऐलान कर दिया कि वो सीएम योगी के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। इस बात से नाखुश सीएम और यूपी पुलिस ने उन पर न जाने कितने फर्जी मुकदमे कर उनकी गिरफ्तारी तक करा दी। श्री ठाकुर सरकार की नीतियों और पुलिस की मनमानी को कानून के दायरे में लाने का प्रयास करते रहे हैं।
मुख्य सचिव के नये आदेश से सरकार को 2500 करोड़ का घाटा
इस संबंध में मेसर्स मारुति एजुकेशनल ट्रस्ट ने कथित रूप से एक पुनरीक्षण याचिका दायर किया, जिस पर मनोज कुमार सिंह ने 28 अगस्त 2024 के अपने आदेश द्वारा बढ़े हुए दर को खारिज करते हुए 1629 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर को सही घोषित कर दिया। इससे मारुति एजुकेशनल को लगभग 200 करोड़ रुपए का लाभ हुआ और सभी 13 आवंटियों को मिलाकर प्रदेश के राजकोष को लगभग ढाई हजार करोड़ रुपए की क्षति हुई। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि मनोज कुमार सिंह ने यह आदेश न्याय विभाग और वित्त विभाग के परामर्श के बिना कथित रूप से पुनरीक्षण वाद में लिया, जिसकी कानून में कोई व्यवस्था नहीं दिखती है। अतः उन्होंने इसे प्रथमदृष्टया गंभीर भ्रष्टाचार की संभावना बताते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here