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विपक्ष के निशाने पर लगातार है चुनाव आयोग

बंगाल की शेरनी कहलाने वाली ममता बनर्जी ने तीखा और सीधा हमला चुनाव आयोग पर करते हुए कहा कि चुनाव आयोग की मदद से भाजपा एक गंदी साजिश करने की तैयार कर रही है। चुनाव आयोग पर इंडिया ब्लाक के नेताओं ने हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली विधानसभा चुनाव में धांधली की है। वहां चोर दरवाजे से सत्ता हथियाने में सफलता प्राप्त की है।

Mamta DIdi prove their importance in Co operative elections,BJP lost all 12 seats in Nandi gram

अब मोदी शाह की निगाहें प बंगाल पर टिकी हुई हैं। सीएम ममता बनर्जी इस धांधली को लेकर मोदी शाह पर हमलावर हैं उन्होंने साफ कर दिया है कि वो इस प्रकार की धांधली को प बंगाल में सफल नहीं होने देंगी। टीएमसी के सांसद औश्र नेता भाजपा की साजिश को बेनकाब करने के लिये पं बंगाल और देश की राजधानी दिल्ली प्रेस कान्फ्रेंस कर चुनाव आयोग और भाजपा की मिलीभगत को जगजाहिर कर रहे हैं।
फिर ममता और मोदी शाह की होगी भिड़त
अगले साल यानि 2026 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने हैं। हर बार प बंगाल में मोदी शाह सत्ता हासिल करने में विफल हुए हैं। लेकिन इस बार वो प बंगाल को हर सूरत मे जीतना चाहते हैं। जीतना तो वो पिछले विधानसभा चुनावों में चाहते थे लेकिन ममता के जादू के आगे उनकी एक भी चाल सफल नहीं हुई। लेकिन इस बार उन्होंने प बंगाल में विजय पताका फहराने के लिये एक नही तरकीब सोची है जो उन्होंने हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में अपनायी थी। हरियाणा महाराष्ट्र और दिल्ली में भाजपा ने चुनाव आयोग की मदद से हारते हारते अपनी प्रचंड बहुमत की सरकार बनाने सफलता प्राप्त की है। लेकिन मोदी शाह प बंगाल में भी तर्ज पर धांधली कर अपनी सरकार बनाने के सपने देख रहे हैं। वहां पर टीएमसी की दोबार सरकार बनी है। तीसरी बार हैट्रिक बनाने का सपना देख रही है। वहां की सीएम ममता बनर्जी ने एक साल पहले से चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है।
ममता को हराने के लिये भाजपा फुल ऐक्शन में
मोदी शाह की पूरे देश में हनक देखी गयी लेकिन प बंगाल में तो केवल ममता दीदी की ही महिमा बखानी जाती है। पिछले विधानसभा में भी मोदी शाह को ममता ने धूल चटायी थी। इस बार भी ममता दीदी अपनी साख कायम रखने को बेकरार हैं। लोकसभा चुनाव में भी भाजपा की दाल प बंगाल में नहीं गल पायी। एक बार फिर विधानसभा चुनाव में टीएमसी अपनी पकड़ मजबूत करने की फिराक में है। इस बार वो एड़ी चोटी का दम लगा कर प बंगाल फतह करने का सपना पाले हुए है। इसमें भाजपा जांच एजेसियों समेत चुनाव आयोग को भी पूरी तरह इस्तेमाल करने वाली है। चर्चा है कि भाजपा हरियाणा महाराष्ट्र और दिल्ली में सत्ता हथियाने के बाद अब प बंगाल में भी आपरेशन कमल खिलाने को बेकरार है।
चुनाव आयोग का एडिशन और डिलीशन का फार्मूला
इंडिया गठबंधन के प्रमुख दल कांग्रेस, शिवसेना उद्धव गुट एनसीपी और आप ने चुनाव आयोग की भूमिका पर यह आरोप लगाया है कि भाजपा और चुनाव आयोग की मिलीभगत से उनके साथ धोखा धड़ी की है। सबसे पहले हरियाणा में भाजपा ने चुनाव आयोग की मिलीभगत से प्रदेश के वोटरों को हटाने और जोड़ने का षडयंत्र रचा। ऐसा करने से विपक्षी दलों के वोटरों को नाम वोटर लिस्ट से बाहर हो गया। दूसरी ओर भाजपा ने अपने समर्थक कार्यकर्ताओं का नाम जुड़वा दिया। इससे भाजपा को यह फायदा हुआ कि एक तरफ कांग्रेस व अन्य विपक्षी दलों के वोटर वोट नहीं कर पाये वहीं उनके समर्थकों का नाम वोटर लिस्ट में शामिल हो गये। इस तरकीब का भाजपा ने पहली बार इस्तेमाल किया जिससे हरियाणा में वो हारते हारते जीत गयी और कांग्रेस जीतते चुनाव हार गयी। हरियाणा में भाजपा की हैट्रिक सरकार बन गयी।
महाराष्ट्र और दिल्ली में भी चुनाव आयोग भाजपा सफल हुए
महाराष्ट्र में जहां राजनीतिक पंडित और सर्वे भाजपा की हार का अंदेशा लगा रहे थे वहीं महाविकास अघाड़ी की सरकार बनने का दावा कर रहे थे। किसी को भी महायुति की सरकार बनते नहीं दिख रही थी। किसान समस्या, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर सभी लोग शिंदे सरकार से नाराज थे। लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी महाराष्ट्र में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया था। इससे महाविकास अघाड़ी के खेमे में अपनी जीत को लेकर भारी उतसाह था। लेकिन विधानसभा चुनाव के परिणाम आये तो एमवीए के हाथ पांव फूल गये। अप्रत्याशित भारी हार से एमवीए में खलबली मच गयी। सभी दल हैरान थे कि महायुति के सभी उम्मीदवार जीत कैसे गये। चुनाव के दौरान महाविकास अघाड़ी ने बहुत सारी धांधलियों की शिकायत चुनाव आयोग से की लेकिन कोई भी ऐक्शन नहीं लिया गया। चुनाव परिणाम के बाद महाविका​स अघाड़ी के दल कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना यूबीटी ने चुनाव में धांधली करने आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रेसवार्ता में कहा कि पिछले सात महीनों में लगभग 40 लाख वोटर बढ़ना संदेह पैदा कर रहा है। हमने चुनाव आयोग से विधानसभा और लोकसभा चुनाव के मतदाता सूची मांगी है। अभी तक चुनाव आयोग ने लिस्ट देने में आनाकानी की है। लेकिन सुप्रीमकोर्ट के आदेश के बाद यह माना जा रहा है कि लिस्ट मिल सकेगी। सुप्रीमकोर्ट ने चुनाव आयोग को यह निर्देश निर्देश दिये हैं कि ईवीएम से डाटा नहीं मिटाया जाये। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि इतिहास में पहली बार हुआ कि पूरे चार साल में इतने वोटर नहीं बढ़े जितने कि छह माह के भीतर 40 लाख वोटर जोड़े गये।
दिल्ली चुनाव में चुनाव आयोग बना बीजेपी का बंधुआ
दिल्ली के चुनाव में चुनाव आयोग ने साबित कर दिया कि वो सत्ताधारी दल का बंधुआ है। लोग तो चर्चा कर रहे हैं कि चुनाव आयोग और पुलिस प्रशासन ने आम आदमी पार्टी को हरवाया है। साथ ही इस चुनाव में हुई धांधली के लिये पूरी तरह से चुनाव आयोग जिम्मेदार है। आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने इस मामले को संसद के अंदर भी उठाया था। लेकिन संस के दोनों सदनों में चेयरमैन और अघ्यक्ष भाजपा के कार्यकर्ता के रूप में बैठे हैं। वो केवल सत्ता पक्ष की बात ही सुनने को तैयार रहते है। सारे नियम कायदे तो सिर्फ विपक्ष के लिये होते हैं। आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह, अरविंद केजरीवाल, पूर्व सीएम आतिशी और पूर्व मंत्री सौरभ भरद्वाज ने कई बार चुनाव आयोग कर्मचारियों की शिकायत आयोग से की लेकिन उन्होंने कोई सख्त कदम नहीं उठाये। जनता में भी यह चर्चा आम हुई कि भाजपा नेताओं मंत्रियों और सांसदों के आवासों के पतों पर भारी संख्या में वोटर जोड़े गये और आम आदमी पार्टी समर्थक वोटरों को लिस्ट से बाहर कर दिया गया। इसका बहुत ज्यादा फायदा भाजपा उम्मीदवारों को हुआ। इस तरह साजिश रच कर आम आदमी पार्टी की लोकप्रिय सरकार को हराया गया।

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