भारत बायोटेक और जायडस कैडिला भी साथ-साथ
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के महानिदेशक डॉ. बलराम भार्गव के मुताबिक, कोविड-19 के दो स्वदेशी टीकों के मानवीय क्लीनिकल परीक्षण का पहला चरण पूरा हो गया है और परीक्षण दूसरे चरण में पहुंच चुका है। इनमें से एक टीके को भारत बायोटेक ने आईसीएमआर के साथ मिलकर विकसित किया है और दूसरा टीका जायडस कैडिला लिमिटेड ने तैयार किया है।
जायडस कैडिला

भारतीय दवा कंपनी जायडस कैडिला कोरोना की वैक्सीन बनाने में जुटी है। कंपनी की प्लाज्मिड डीएनए वैक्सीन ‘जायकोवी-डी’ का क्लीनिकल ट्रायल दूसरी स्टेज में है। इस वैक्सीन का पहले चरण का क्लीनिकल ट्रायल सफल रहा था। यह हानिरहित और सहनीय रहा था। कंपनी के मुताबिक, पहले चरण के क्लिनिकल ट्रायल के तहत जिन लोगों को वैक्सीन की खुराक दी गई, उन पर कोई नकारात्मक असर नहीं पाया गया।
भारत बायोटेक

भारत बायोटेक द्वारा तैयार की जा रही कोरोना की वैक्सीन को ‘कोवैक्सीन’ (Covaxin) नाम दिया गया है। इसका ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल दिल्ली, पटना, भुवनेश्वर, चंडीगढ़ समेत देश के 12 हिस्सों में चल रहा है। इनमें से 11 जगहों पर यह पूरा हो चुका है। सिर्फ दिल्ली के एम्स में इसका ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल बाकी है। Covaxin को भारत बायोटेक, आईसीएमआर और नैशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) ने मिलकर तैयार किया है। Covaxin की मैन्युफैक्चरिंग कंपनी के हैदराबाद कारखाने में की जाएगी।
17 सेंटर्स पर वैक्सीन का ट्रायल जारी

‘नेचर’ जर्नल में छपी स्टडी के मुताबिक बंदरों पर यह वैक्सीन पूरी तरह असरदार साबित हुई। उनमें कोविड-19 के प्रति इम्यूनिटी डेवलप हुई। इंसानों पर पहले और दूसरे चरण का ट्रायल पूरा हो चुका है। भारत, ब्राजील समेत दुनिया के कई देशों में तीसरे चरण का ट्रायल जारी है। 17 सेंटरों पर 1,600 लोगों के बीच यह ट्रायल 22 अगस्त से शुरू हुआ है। हर सेंटर पर करीब 100 वालंटिअर हैं। नवंबर तक ट्रायल पूरा होने की उम्मीद है। नतीजे अच्छे रहे तो रेग्युलेटरी अप्रूवल के बाद वैक्सीन का लार्ज-स्केल प्रॉडक्शन शुरू होने में अगले साल की शुरुआत तक का वक्त लग सकता है।
…तो भारत को साल के अंत तक मिल जाएगी कोरोना वैक्सीन : हर्षवर्धन

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत को नोवेल कोरोना वायरस की रोकथाम वाला टीका इस वर्ष के अंत तक मिल जाएगा। भारत में कोविड-19 के तीन टीके विकास के विभिन्न स्तर पर हैं, जिनमें से दो टीके स्वदेश निर्मित हैं। हर्षवर्धन ने ट्वीट किया, ‘मैंने उम्मीद जताई है कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो भारत इस साल के आखिर तक कोरोना वायरस का टीका हासिल कर लेगा।’
कोरोना वैक्सीन पर ICMR की वेबसाइट

इस बीच, आईसीएमआर भारत तथा विदेशों में कोविड-19 के टीके के विकास के बारे में जानकारी देने के लिए एक पोर्टल बना रहा है, जिस पर अंग्रेजी के अलावा कई क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी दी जाएगी। आईसीएमआर में महामारी विज्ञान एवं संचारी रोग विभाग के प्रमुख समीरन पांडा ने बताया कि पोर्टल बनाने का उद्देश्य कोविड-19 के टीके के विकास के बारे में सारी जानकारी एक ही स्थान पर उपलब्ध करवाना है क्योंकि अभी इस सबंध में सारी सूचनाएं बिखरी हुई हैं। उन्होंने बताया कि पोर्टल अगले हफ्ते तक शुरू हो सकता है।
भारत में इस कोरोना वैक्सीन के दूसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल शुरू
