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दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल पूरी ताकत से चुनाव प्रचार में जट गये हैं। आम आदमी पार्टी ने सभी सत्तर सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिये हैंं। वहीं कांग्रेस ने भी कुछ सीटों को छोड़ सभी उम्मीदवार ऐलान कर दिये हैं। वहीं भाजपा ने अभी तक पूरी सीटों पर उम्मीदवार घोषित नहीं किये हैं वो शायद अन्य दलों के उम्मीदवार को देख कर अपना उम्मीदवार खड़ा करना चाहते है। लेकिन जैसे ही बीजेपी ने करावल नगर सीट पर अपना उम्मीदवार ऐलान किया उसके बाद से ही वहां के विधायक ने पार्टी को ये कह कर हिला दिया कि इसका परिणाम पार्टी को भुगतना पड़ेगा। बिस्ट ने कहा कि पार्टी ने किस ऐरे गैरे नत्थू खैरे को करावल नगर से टिकट क्या सोच कर दिया है। पार्टी लीडरशिप को भी लगा कि शायद उन्होंने उड़ता तीर ले लिया है। वैेसे भी भाजपा को दिल्ली में सरकार बनने के आसार कम ही दिख रहे हैं। लेकिन उसके बावजूद मीडिया और विज्ञापनों के जरिये वो ये हवा बनाने की कोशिश में जुटी है कि दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने जा रही है। इस बात में भाजपा पूरी तरह पारंगत है कि किस तरह से साजिशें और झूठ बोलने उसका कोई मुकाबला नहीं है। करावल नगर सीट पर टिकट देने के बाद से उपजे असंतोष को किसी तरह समेटा जाये। फिलहाल करावल नगर के विधायक को अगली लिस्ट में नाम डालकर फुसलाने का काम किया गया है। भाजपा नेतृत्व ने उन्हें मुस्तफाबाद से उम्मीदवार घोषित कर दिया।
भाजपा का 26 साल का दिल्ली में वनवास
पिछले दस साल से देश की सत्ता पर भाजपा का सिक्का चल रहा है लेकिन दिल्ली में मोदी मैजिेक काम नहीं कर पाया है। यहां तो आम आदमी पार्टी ने उनके विजय रथ को रोक दिया है। 2013 से अब तक भाजपा ने दिल्ली में काबिज होने का असफल प्रयास किया है लेकिन अरविंद केजरीवाल एण्ड टीम के आगे मोदी शाह की एक नहीं चली। तीन बार भाजपा को आम आदमी पार्टी से करारी मात मिली है।

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Ex Delhi CM Shiela Dixit with Delhi CM Arvind Kejriwal

अरविंद केजरीवाल से पहले दिल्ली में कांग्रेस की सरकार रही जिसकी मुख्यमंत्री शीला ​दीक्षित रहीं। आज भी लोग उनके समय को याद करते हैं। 15 साल तक शीला दीक्षित की कांग्रेस सरकार रही। कुल मिला कर भाजपा को दिल्ली में सरकार बनाये 26 साल हो चुके हैं। पिछले साल एमसीडी भी भाजपा के हाथों से निकल गयी। वहां भी आम आदमी पार्टी की सत्ता आ गयी है। भले देश के अनेक प्रांतों में भाजपा ने अपनी सरकारें बनाने में सफलता प्राप्त की है लेकिन दिल्ली में उनका विजय रथ अरविंद केजरीवाल ने रोक रखा है। इस बार भाजपा किसी भी तरह सत्ता छीनने को कमर कस चुकी है।
विधायक ने दी पार्टी को सुधरने की चेतावनी
करावल नगर से पांच बार के विधायक मोहन सिंह विष्ट को जैसे ही पता चला कि उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट उनका नाम नहीं है और उनके करावल नगर क्षेत्र से पूर्व आम आदमी पार्टी के विधायक व दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष कपिल मिश्रा को टिकट दिया गया है। इससे उनका माथा ठनक गया। इस पर मोहन सिंह ने प्रतिक्रिया दी कि यह कदम भाजपा को बहुत भारी पड़ने वाला है।

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BJP leader kapil Mishra got Y class Security from Delhi Police

दिलचस्प बात यह है कि 2015 में कपिल मिश्रा ने करावल नगर सीट से मोहन सिंह बिस्ट को हराया था। उससे पहले भाजपा के टिकट पर पांच बार चुनाव जीत चुके हैं। करावल नगर विधानसभा में मोहन सिंह एक ईमानदार छवि के नेता के रूप में जाने जाते हैं। क्षेत्रीय समस्याओं के समाधान के लिये बिस्ट हमेशा तत्पर रहते हैं। स्थाननीय लेागों को भी उन पर पूरा विश्वास रहा है हमेशा क्षेत्र में सुलभ रहते हैं। उनकी वजह से आस पास के क्षेत्रो में भाजपा का प्रभाव बढ़ा है। ऐसे में उनका टिकट कटा तो निश्चित रूप से भाजपा को तगड़ा झटका लगता। अगले दिन ही भाजपा ने मुस्तफाबाद से उनका नाम घोषित कर दिया। मोहन सिंह बिस्ट उत्तराखंडियों के बीच काफी लोकप्रिय हैं विस्ट एक मात्र भाजपा विधायक हैं जो उत्तराखंडियो के बीच लोेकप्रिय हैं।

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