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डा. तुषार मेहता कांड

देश में हालात इतने बेहाल हो रहे हैं कि समाज का पढ़ा लिखा और प्रोफेशनल लोग भी ​इसमें बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेने लगे हैं। इस बात का पता एक वारदात से पता चल रहा है। एक नामचीन डाक्टर ने अपना एक झूठा किस्सा सोशल मीडिया पर शेयर किया। जिससे उनके प्रति सहानुभूति और तारीफों के पुल बांधे जाने लगे। अब आप लोग सोच रहे हैं कि ऐसा क्या किस्सा डाक्टर शेयर किया कि लोग उनका शुक्रिया और सहानुभूति जता रहे हैं। लेकिन जब उनके किस्से की पेाल खुली तो उससे कई गुना उनकी खिंचाई भी होने लगी है। उनके किस्से  की हवा सेीआईएसएफ और एयरपोर्ट अथोरिटी आफ इंडिया का काम देखने वाली कंपनी जीएमआर ने इस मामले में खुलासा किया कि डा मेहता की साजिश को बेनकाब कर दिया है। मेहता के ट्वीट पर इन दोनों संस्थाओं ने टैग करते जवाब दिया कि आप की कहानी बिल्कुल झूठी और मनगढ़ंत है। एयरपोर्ट के भीतर तुषार मेहता के साथ कोई चोरी का हादसा नहीं हुआ है। आपको इस मामले पर सामने आ कर अपनी तरफ से सफाई देना चाहिये। लेकिन तभी से डा मेहता ने अपना ट्विटर अकाउंट ही बंद कर दिया है। डा मेहता ने अपना सोशल मीडिया खाता तो बंद कर दिया लेकिन उनकी साजिश पर चर्चा तो हो रही है। एक बात तय यह है कि यह एक सोची समझी साजिश के तय किया गया। वो भी ठीक गण्तंत्र दिवस के पहले।

सोशल मीडिया पर ऐसे लोगों की भरमार

सोशल मीडिया यानि फेसबुक, लिंक्डइन और ट्विटर पर ऐसे पढ़े लिखे प्रोफेशनल लोगों की फौज तैनात रहती है। जैसे भी कोई संवेदनशील मुददा होता है वैसे ही ये टीम उस मुद्दे को हिन्दू मुस्लिम का रंग देने की कोशिश में  जुट जाते हैं। सोशल मीडिया पर ऐसे कई गैंग काबिज हैं जो सरकार की पैरवी में जुटे रहते हैं। कोई भी मोदी सरकार की आलोचना वाली पोस्ट पर हमलावर हो जाते हैं। इन अंधभक्तोंं में सो कॉल्ड डाक्टर, एडवोकेट, कंपनियों के सीईओ, प्राइवेट कंपनियों के मालिक और मैनेजमेंट के पदाधिकारी सरकार की पैरवी में बेमतलब के तर्क देने लगते हैं। जैसे रोजगार और अर्थव्यवस्था पर सवाल उठाने पर कहते हैं कि दस साल पहले देश में सभी सरकारी नौकरी कर रहे थे जो अब रोजगार के लिये सरकार पर दोष मढ़ रहे हैं। ये देखा गया है​ कि पिछले दस सालों में सरकार और सत्ताधारी दल अभद्र और अश्लील पोस्ट डालने वालों को तरजीह दे रही है।

बीजेपी ऐसे नमूनों की जमात है

नमूने के तौर पर कपिल मिश्रा, स्मति ईरानी, बांसुरी स्वराज, सांसद मनोज तिवारी, रवि किशन, प्रवेश वर्मा, रमेश विधूड़ी, पूर्व मंत्री अनुराग ठाकुर, निशिकांत दुबे समेत ऐसे लोगों की लंबी लिस्ट है जो अपने विवादित बयानों के लिये कुख्यात हैं। ऐसे ही लोगों सरकार और पार्टी में तरजीह और जिम्मेदारियां दी गयी हैं। यही सोच कर कुछ लोग ऐसे पोस्ट या विघटकारी हरकतें करते हैं जिससे समाज में उत्तेजना और बदहवासी का माहौल पैदा हो। शायद तुषार मेहता ने भी सरकार और पार्टी की अटेंशन पाने के लिये ये हिन्दू मुस्लिम का पोस्ट डाला है।

डाक्टर ने देश के माहौल को बिगाड़ने के लिये एक नामचीन डाक्टर ने कोशिश की लेकिन सीआईएसए​फ और एयरपोर्ट अथॉरिटी की सतर्कता से यह साजिश फेल हो गयी। प्लीज लाइक शेयर और सबस्क्राइब नेक्सन न्यूज यूट्यूब।

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