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दिल्ली सरकार के समाज कल्याण मंत्री राजकुमार आनंद के आवास पर सुबह से ही ईडी टीम ने छापा मारा है। दिल्ली सरकार के ये तीसरे मत्री हैं जिनके घर पर ईडी ने छापा मारा है। राजकुमार आनंद पिछले साल ही दिल्ली सरकार में मंत्री बनाये गये है। इससे साफ जाहिर है कि उन पर शराब आबकारी घोटाले का आरोप नहीं लगेगा। इससे पहले दिल्ली सरकार के अनेक मंत्रियों और नेताओं पर ईडी ने शराब घोटाले में आरोपी मानकर छापा मारा और उन्हें जेल भेजा है। उनकी आजतक नहीं हो पायी है।

केजरीवाल ने नोटिस को नजरंदाज किया
ईडी ने दो दिन पहले सीएम अरविंद केजरीवाल को पूछताछ के लिये नोटिस दिया है। उन्हें 2 नवंर को ईडी के दफ्तर में जा कर सवालों के जवाब देने होंगे। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने उनके नोटिस को इग्नोर कर दिया है। उनका मध्यप्रदेश पहले से ही रोड शो कार्यक्रम तय था। वो उसी रोड शो में भाग लेने मध्यप्रदेश गये है। इस बात को लेकर राजनीति में उबाल आया है। सब की जुबां पर एक ही सवाल है कि आखिर जांच एजेसिंयां सिर्फ इंडिया गठबंधन के दलों पर ही इतनी छापेमारी क्यों कर रही है। इससे पहले दिल्ली सरकार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सतेंद्र जैन पर मनी लॉड्रिंग का मामले में ईडी ने डेढ़ पहले जेल भेजा था। आजकल वो स्वास्थ्य के नजरिये से जमानत पर हैं। पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी पिछले आठ माह से जेल में हैं उनके खिलाफ भी शराब घोटाले का सरगना होने का मामला ई डी दर्ज किया मजे की बात यह है कि किसी भी नेता या मंत्री के घर से कुछ भी संदिग्ध बरामदगी नहीं हुई। इसके बावजूद इन लोगों की जमानत अदालत से नहीं मिली है।
ब्रज भूषण, मोनू मानेसर और अन्य लोगों को जमानत
हैरत वाली बात है कि गंभीर आरोपों मे वांछित सत्ताधारी दल के करीबी लोगों को जमानत मिलने मे कोई देरी नहीं हो रही है। बीजेपी सांसद ब्रज भूषण शरण को गंभीर आरोपों मे वाछित होने के बाद भी तुरंत बेल मिल गयी है। मोदी सरकार ने अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की है। लेकिन इंडिया गठबंधन के दलों के नेताओं पर बिना किसी सुबूत के कार्रवाई कर मामला दर्ज कर जेल भेजा जा रहा है। जांच एजेंसियों की कार्रवाई पर सवालिया निशान लग रहा है।