सरकार भविष्य निधि (पीएफ) खाते में जमा रकम पर ज्यादा रिटर्न दिलाने की तैयारी में है। संसदीय समिति द्वारा गठित लेबर पैनल ने इस दिशा में काम करेगी। इस घटनाक्रम से जुड़े तीन लोगों ने यह जानकारी दी है। पिछले महीने गठित लेबर पैनल की अगले हफ्ते बैठक होने वाली है। पहले बैठक में ही पैनल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के तहत 10 खरब रुपये के कोष का प्रबंधन, प्रदर्शन और निवेश पर मंथन करेगी। इसके साथ ही पैनल इस बात पर भी विचार करेगी कि किस तरह ईपीएफओ को संगठित और असंगठित सेक्टर में काम करने वालों के लिए अधिक लाभदायक बनाया जाए। गौरतलब है कि पिछले एक साल में ईपीएफओ और उसके कोष के प्रबंधन की कोई जांच नहीं हुई है। इससे जुड़ एक व्यक्ति ने कहा कि अब फंड मैनेजर इसके कोष का बाजार में निवेश कर रहे हैं तो हम इसका आकलन करना चाहते हैं। पैनल के सदस्य कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते ईपीएफओ कोष पर पड़ने वाले प्रभाव का भी आकलन करेंगे।

सामाजिक सुरक्षा बढ़ाने की योजना

केंद्र सरकार का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को बुढ़ापे की सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री श्रम योजना-धन योजना (पीएम-एसवाईएमवाई) के माध्यम से मुख्य रूप से रिक्शा चालक, स्ट्रीट वेंडर, हेड लोडर, ईंट भट्ठा मजदूर, कोबलर, चीर बीनने वाले, घरेलू कामगार, कृषि निर्माण श्रमिक आदि को सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना है। ईपीएफओ पहले केवल संगठित क्षेत्र के लिए था लेकिन केंद्र सरकार ने इसमें असंगठित क्षेत्र को भी शामिल कर दिया है।

पेंशन राशि को बढ़ाने पर चर्चा होगी

इस घटनाक्रम से जुड़े एक व्यक्ति ने बताया कि पीएफ कोष पर गठित समिति की बुधवार को होने वाली बैठक में पेंशन स्कीम, कर्मचारियों की पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत पेंशन बढ़ाने और खाताधारक की मृत्यु के मामले में परिवारों को आसानी से धन की उपलब्धता सुनिश्चत करने पर भी चर्चा होगी। हम मांग कर रहे हैं कि ईपीएस योजना के तहत न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 5,000 रुपये मासिक भुगतान किया जाए। कई ट्रेड यूनियन और श्रमिक संगठन भी पिछले कुछ समय से पेंशन की राशि बढ़ाने की मांग कर रहे हैं।

संसद के शीतकालीन सत्र में रिपोर्ट सौंपेगी

पीएफ कोष पर गठित संसदीय समिति कई बैठक कर इस मुद्दे पर चर्चा करेगी और अपनी विस्तृत रिपोर्ट संसद को शीतकालीन सत्र में सौपेंगी। समिति के सदस्यों ने श्रम मंत्रालय के प्रतिनिधियों को अन्य देशों में संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए किए गए प्रावधानों को देखने के लिए कहा है। संभव है बुधवार को होने वाली बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा हो।

– 5000 रुपये पेंशन ईपीएस के तहत बढ़ाने पर चर्चा होगी

– 10 खरब रुपये के ईपीएफ फंड का बेहतर इस्तेमाल पर जोर

– 8.50 फीसदी की दर से अभी ब्याज दे रहा है ईपीएफओ पीएफ पर

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