हाइलाइट्स:
- बुरहान वानी के नक्शेकदम पर चल पड़ा था आतंकी सज्जाद हैदर
- वीडियो बनाने के साथ ही युवाओं को आतंक के रास्ते से जोड़ता था
- 4 साल पहले रखा आतंक की दुनिया में कदम, सुरक्षाबलों ने किया ढेर
- व्यापारियों से फिरौती मांगने के साथ ही सुरक्षाबलों से हथियार भी छीनता था
सुरक्षाबलों ने बारामुला में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के टॉप कमांडर सज्जाद उर्फ हैदर (Sajjad Haider) को ढेर कर ना केवल तीन जवानों की शहादत का बदला लिया, बल्कि साथ ही कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ जंग में बड़ी सफलता भी हासिल की है। सज्जाद धीरे-धीरे सुरक्षाबलों के लिए सिरदर्द बन गया था। वह ढेर किए जा चुके आतंकवादी बुरहान वानी (Burhan Wani) के नक्शे कदम पर भी चल पड़ा था।
बारामुला के करेरी में हुए एनकाउंटर में ढेर किया गया सज्जाद महज 4 साल पहले ही आतंक की दुनिया में आया था। आतंकवादी संगठन में शामिल होने के बाद सज्जाद ने पहले हिज्बुल कमांडर रियाज नायकू के रास्ते पर काम शुरू किया। धीरे-धीरे वह खतरनाक होता गया और बुरहान वानी के मॉडल को फॉलो करने लगा।
सज्जाद उर्फ हैदर युवाओं को आतंक के रास्ते से जोड़ने का काम करता था। वह बुरहान की तर्ज पर अपने वीडियो भी जारी करता था। कश्मीर घाटी में रास्ते से भटके हुए युवा वर्ग में उसका क्रेज बढ़ रहा था। पुलिस ने अभी तक 20 ऐसे युवकों को पकड़ा है, जिन्हें सज्जाद आतंकवाद के रास्ते पर लाया था। इसके अलावा आतंकियों के कई मददगारों को भी पकड़ा गया है। उन्हें सज्जाद ही इस बात के लिए मनाता था कि वे आतंकियों के लिए काम करें।
उत्तरी कश्मीर में सज्जाद ने एक बड़ा नेटवर्क सेट कर लिया था। वह नॉर्थ कश्मीर में कोई ना कोई वीडियो बनाकर लोगों तक पहुंचाने का काम करता था। सज्जाद की कोशिश थी कि उसका खौफ बना रहे। सज्जाद की लंबे समय से तलाश की जा रही थी। बताया जाता है कि उसने कश्मीर के काफी युवाओं को अपने साथ मिला लिया था।
आतंकवादी सज्जाद सुरक्षाबलों पर भी कई बार हमले कर चुका है। उसके पास से AK-47 बरामद हुई है, उसे भी कुछ समय पहले ही सुरक्षाबलों पर हमला करने के बाद छीना था। इसके साथ ही सज्जाद व्यापारियों से फिरौती भी वसूलता था। इनकार करने वाले फल व्यापारियों की हत्या भी कर चुका है। इसके साथ ही वह स्थानीय लोगों और दूसरे प्रदेश के मजदूरों की हत्याएं भी कर चुका है।
गौरतलब है कि सुरक्षाबलों ने सज्जाद के साथ ही उसके दो और साथी आतंकवादियों को भी ढेर कर दिया। दोनों में से एक अनायतउल्लाह स्थानीय युवक था, जिसे वह मार्च माह में आतंकवाद के रास्ते पर लाया था। ढेर हुआ तीसरा आतंकी उस्मान पाकिस्तानी था, जो कि उसके साथ हमेशा रहता था। ये बाकायदा प्लानिंग रचकर आतंकी हमलों को अंजाम देते थे।