भारत में कोविड19 का प्रभाव पूरी तरह सामने आ रहा है। सरकार ने रोग के प्रभाव से बचाने के लिये पूरे देश में 25 मार्च से तालाबंदी कर दी है। सरकार का मानना है कि ऐसे में लोग एक दूसरे के संपर्क में नही आयेगा और कोविड19 का संक्रमण काफी कम हो जायेगा। 21 दिन के बाद भारत कोरोना के प्रभाव से काफी हद तक निकल सकता है लेकिन उसके बाद देश में अन्न का संकट होना तय दिख रहा है। खेतों में काम करने वाले मजदूर पलायन कर रहे हें। ऐसे में किसानी करने के लिये मजदूरों की भारी कमी होने वाली है। पंजाब और हरियाणा में लगभग पांच लोग दिहाड़ी मजदूर हैं जो खेतोंं में बुवाई और कटाई का काम करते हैं। इन कामों से जुड़े मजदूर अपने घरों में जाने के लिये परेशान हो रहे हैं।
पिछले दिसंबर से पूरी दुनिया कोरोना के कहर से जूझ रही है। इसकी शुरुआत चीन के बुहान शहर से हुई। धीरे धीरे इस भयानक त्रासदी का शिकार दुनिया के छोटे बड़े शहर हो रहे हैं। भारत में भी इसका प्रभाव दिखने लगा है। पिछले एक सप्ताह में कोविड19 का कहर भारत में चरम पर दिखने लगा है। अब तक भारत में 25 सौ से अधिक संक्रमित लोग पाये गये है। लगभग 70 लगभग लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक दो सौ लोगों को इस जानलेवा रोग से मुक्ति भी मिल चुकी है।
पंजाब और हरियाणा अन्न उत्पादन के लिये देश विदेश में जाने जाते है। लेकिन कोरोना के कहर और लाक डाउन की वजह से यहां के किसान काफी परेशान दिख रहे है। उनका कहना है कि फसल खेत में खड़ी है। फसल काटने और नयी फसल की बुवाई के लिये मजदूर नहीं मिल रहे है। यह बात सभी लोग जानते हैं कि खेतों में काम करने के लिये मजदूर बिहार और उत्तर प्रदेश से आते हैं। लेकिन लॉक डाउन के कारण वो लोग भुखमरी के कगार पर आ गये और अपने घरों में जाने को बेकरार है।