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आखिर किस हद तक गिरेगे प्रवक्ता
2आज के समय में राजनीति किस हद तक गिरती जा रही है। चर्चा में बने रहने के लिये राजनीतिक प्रवक्ता विपक्ष के नेताओं पर अभद्र टिप्पणी और ओछी हरकतें करने से बाज नहीं आ रहे हैं। जैसा कि सभी जानते हैं भाजपा में किसी को पार्टी में आगे बढ़ना है तो उसे बद्तमीज जाहिल और मूर्ख होना पड़ेगा। अक्सर टीवी डिबेट्स में भाजपा के उसी नेता को प्रवक्ता के रूप में भेजा जाता है जो परले दरजे का कपटी धूर्त और जाहिल है। ताजा मामला भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला से जुड़ा है। एक टीवी डिबेट में भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला और आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता ऋतुराज झा के बीच जोरदार बहस हो गयी। बात इतनी बढ़ी कि माहौल गर्म हो गया। ऋतुराज झा ने यह कह किया कि इनका नाम तो पूनावाला नहीं चूना वाला होना चाहिये। इस भाजपा प्रवक्ता पूनावाला ने इसके जवाब में अश्लीलता भरा शब्द बोल दिया। इससे डिबेट का माहौल खराब हो गया। चूंकि आम आदमी पार्टी प्रवक्ता पूर्वांचल से जुड़े हैं। यह मामला अब पूर्वांचल के सम्मान और अस्मिता से जोड़ कर गरमाया जा रहा है।
हालात ये हो गये हैं कि भाजपा प्रवक्ता के इस नये बखेड़ा से परेशान हो गयी है। दिल्ली चुनाव में इस नये विवादित बयान से भाजपा दिल्ली फतेह करने का ख्वाब ठंडे बस्ते में जाता दिख रहा है। वैसे भी मोदी शाह पिछले दस सालों से दिल्ली में सत्ता की चाह पाले हुए हैं। यह चर्चा है कि पार्टी शहजाद पूनावाला को लाइन हाजिर कर सकती है। आम आदमी पार्टी यह प्रचार कर रही है कि भाजपा पूर्वांचलियों का अपमान करने से बाज नहीं आती है। भाजपा ने केवल 5 टिकट ही पूर्वांचलियों को दिये हैं जबकि आप ने 12 उम्मीदवार पूर्वांचलियों को बनाया है। वैसे भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में पूर्वांचलियों का बहुत महत्व है। इनकी वजह से एक दर्जन विधानसभा सीटों पर जीत हार तय होती है। यह तय माना जा रहा है कि शहजाद पूनावाला के बुरे दिन शुरू हो गये हैं।
कौन है बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला
शहजाद पूनावाला आजकल जिस तरह से हिन्दू बनकर टीवी डिबेट्स में दिखते हैं। जनसभाओं और डिबेट्स में भगवा वस्त्र माथे पर टीका और रामनामी वस्त्र धारण पहुंचते हैं। मोदी जी के अनन्य भक्त बनने का ढोंग करते है। दरअसल वो कांग्रेस के नेता रहे हैं। तब वो भाजपा संघ और हिन्दू धर्म को पानी पी पी कर कोसते थे। आज वही पूनावाला कांग्रेस और राहुल गाधी को कोसते नजर आते हैं। इस तरह से वो भाजपा में अपने नंबर बढ़ने की फिराक में रहते हैं। 2017 के पहले तक वो कांग्रेस के लिये भाजपा पर तीखे हमले करते थे। लेकिन 2017 में जब कांग्रेस में अध्यक्ष का चुनाव होना था तब शहजाद पूनावाला चुनाव में उतरने की बात करने लगे। पहले इन्हें समझाया गया कि लेकिन जब नहीं माने तो पार्टी से बाहर कर दिये गये। पूनावाला के पास भाजपा शामिल होने के अलावा कोई रास्ता नहीं था।
पीएम और शाह समेत गालीबाजों के लिये भाजपा सेफ है
पिछले पांच सालों में यह देखने को मिला है कि सत्ताधारी दल के नेेताओं, मंत्रियों और सांसदों के साथ पीएम मोदी और शाह गाली गलौज करने से बाज नहीं आ रहे हैं। पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने भाषणों में मंगलसूत्र से लेकर मुजरा शब्द का प्रयोग किया। वहीं 2020 दिल्ली विधानसभा चुनाव मे अमित शाह ने प्रचार के दौरान कहा कि वोटिंग मशीन पर कमल के बटन को इतनी जोर से दबाना कि करंट का झटका शाहीन बाग में धरना दे रहे लोगों को लगे। संसद में बीजेपी के सांसद रमेश विधूड़ी ने बीएसपी के सांसद दानिश अली को।गालियां देते हुए कटुआ, मुल्ला आंतकी तक कहा था। न तो स्पीकर ने कोई ऐक्शन लिया और पार्टी ने।
बेलगाम हुए सांसद और केन्द्रीय मंत्री
भाजपा के सांसद और पूर्व केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और प्रवेश सिंह वर्मा ने दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में प्रचार के दौरान कहा गोली मारो सालों को देश के गद्दारों को कहा। लेकिन न तो चुनाव आयोग ने उन पर कोई ऐक्शन लिया और पार्टी ने। इतना सब होने के बाद भी दिल्ली पुलिस ने इस मामले में कोई केस दर्ज किया। भाजपा के बहुत सारे नेता और विधायक सांसद हैं जो गाली देने और अभद्रता करने में इतिहास रच चुके हैं। उनमें मनोज तिवारी,पूर्व सांसद प्रज्ञा ठाकुर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे नितेश राणा, निशिकांत दुबे समेत अनेक लोग गाली गलौज के लिये जाने जाते हैं।