पवन सिंह
मैं कपिल शर्मा और राजू श्रीवास्तव से भी ज्यादा अगर किसी का शो देखना पसंद करता हूं तो वो है “साहेब कामेडी शो”….कसम से इतने नये-नये चुटकुले बंदा लाता है कि बादलों में भी राडार काम करने लगता है। अपने साहब के कल के शो का सबसे बड़ा प्वांइंट ये था कि बेटा छह साल तो “मेक इन इंडिया” का मजा लौ है तुम सबै ने ….अब इससे तो कुछ उखरो नई है तो अब तुम लोग एक नया मज़ा लौ नाम धरो है-“आत्मनिर्भर भारत”…..मतलब, साहेब ने बता दई है कि सुसरों ज्यादा हमाए भरोसे तो रओ नई अपने भरोसे रओ आत्मनिर्भर बनो…वो ससुरा मशीन वाला बब्बर शेर तो कतई काम न करो हतो….सगरा सामान पिंग साहेब ने भेजो हतो…..ससुरों शरम-वरम करो बकलोली न करो तुम सबई …आत्म निर्भर बनो सभी जन….समझ गये…..
फिर साहेब जैसे भी बोले कि ……………………….कि जबईं भारत खुले में शौच से मुक्त होतो है तो दुनियां पर उसका असर पड़तो है…….गांव की जिज्जी का दिमाग चौखटा हो गयो जे सुन के…. कि ससुर हमाये “अपशिष्ट” से दुनियां पर का असर पडतौ है….जिज्जी पडोस की ताई से बोलीं!….साहेब तो अजूबा हैं कतई…निर्यात-विर्यात तो नहीं शुरू कर दई है दादा हमाओ लोगन के अपशिष्ट कौ…….?…साहेब फिर बोल दई कि- ग्लोबल सप्लाई चेन में हमाओ देश की मिट्टी की खुशबू हो और हमारे मजदूरों के पसीने की महक हो….. साहेब बहुत भोले बाबा हैं हमाये……सच कहि रहे हैं जिज्जी!…..मजदूर सड़क पर पसीना और खून सबै कछू देश के लाने दै रहे हैं…..साहेब मजदूरन कौ नाम भी लौ हैं अपने श्री मुख से। बहुतैय दयालु हैं साहेब हमाये जिज्जी….फिर साहेब बोले कि परेशान न हौ तुम सबै जन…… जै महामारी हमार लोगन खातिर एक अवसर ले कर आई है……जिज्जी साहेब हैं हमाये! ….खैंच खैंच के देते हैं … नींबू निचोड़ दैत हैं …..अरे जिज्जी! 20 लाख करोड़ दये हैं बस जौ नहीं बताओ है कि कहां से आओ जै पैइसा और हम पंचन को कैइसे मिलैगौ…..
तभी उधर से रामखेलावन चाचा गुजरे तो बोल पड़े ……अरे जिज्जी!…आत्म निर्भर बन जाओ ई दफे नहीं तो खुदैय दफन और कफ़न होई जैइयो……जिज्जी हाथ भर का घूंघट खैंच के बोल परीं-राम खेलावन तुम जहां जाए रहे हो जाओ…..हमार पंचन के सपना में न कूदा करो….. रामखेलावन चाचा तो खीसें निपोर कै चले गये……और इधर चर्चा जारी है 20 लाख करोड़