भारत और चीन के बीच सीमा विवाद (India China Clash) को लेकर हुई झड़प में मनदीप सिंह शहीद हो गए। मनदीप के भाई निर्मल सिंह ने उनकी दिलेरी के किस्से सुनाए। उन्होंने बताया कि मनदीप ने बहादुरी के साथ चीनी सैनिकों के हमले का सामना किया था और शहीद हो गए।

Edited By Raghavendra Shukla | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

शहीद मनदीप सिंह
हाइलाइट्स

  • पंजाब के पटियाला के रहने वाले मनदीप सिंह चीन के साथ झड़प में शहीद
  • मनदीप के भाई निर्मल सिंह ने बताया, अंत समय में बहादुरी से लड़े थे सिंह
  • उन्होंने बताया, दो चीनियों को मनदीप ने काबू में किया, तीसरे ने किया हमला

पटियाला

पंजाब के पटियाला जिले के रहने वाले मनदीप सिंह भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर हुई झड़प में शहीद हो गए। 15 दिन पहले वह अपने घर से छुट्टी बिताकर ड्यूटी पर लौटे थे। शहादत से पहले मनदीप जिस दिलेरी से दुश्मन सेना से लड़ रहे थे, उसके बारे में उन्हीं की टीम में शामिल एक जवान ने बताया है, जो इसी ऑपरेशन के दौरान गंभीर रूप से घायल हो गया और फिलहाल अस्पताल में भर्ती है।

मनदीप के भाई निर्मल सिंह बीते 30 अप्रैल को उसी पोस्ट से रिटायर होकर लौटे हैं, जहां मनदीप शहीद हुए थे। निर्मल भावुक होकर अपने भाई की दिलेरी की दास्तान सुनाते हैं। उन्होंने बताया कि मनदीप अपने दल का लीडर था। जब चीन की ओर से हमला किया गया तो वह हिम्मत और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने लगा। उसने दो चीनी सैनिकों को पकड़ रखा था, तभी तीसरे ने मनदीप पर वार कर दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।

देश के लिए जो शहीद हुए हैं उन रणबांकुरों को सलामदेश के लिए जो शहीद हुए हैं उन रणबांकुरों को सलामगलवान वैली (Galwan Valley) पर चीनी सेना से लड़ते हुए हमारे 20 जवान शहीद हो गए हैं। चीन की कायरता पर आज पूरा देश स्तब्ध है। इन 20 जवानों के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है लेकिन उनके सीने में दर्द के साथ गर्व भी है और अपनों को वे विदाई दे रहे हैं। जानिए, उन 20 जवानों के बारे में जिन्होंने देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी।

‘जिस पर किया वार, वह उठा नहीं’

निर्मल सिंह ने बताया कि मनदीप के दल में शामिल एक सैनिक बुरी तरह जख्मी हो गया था। वह अस्पताल में भर्ती है। उसने ही मनदीप की बहादुरी के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि मनदीप किसी के रोके नहीं रुक रहा था। दुश्मन सैनिकों का सफाया करते हुए वह लगातार आगे बढ़ रहा था। उसने जिस पर भी वार किया, वह दोबारा नहीं उठा।

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लद्दाख में शहीद हुए सुनील कुमार के लिए उमड़ा जनसैलाबलद्दाख में शहीद हुए सुनील कुमार के लिए उमड़ा जनसैलाबलद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए पटना के सुनील कुमार का पार्थिव शरीर जब उनके गृहनगर पटना के बिहटा में पहुंचा, तो उन्हें आखिरी विदाई देने के लिए भारी भीड़ उमड़ी। हर किसी को सुनील की शहादत का गम था, लेकिन साथ ही गर्व भी कि उन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान दी। इस दौरान पूरा इलाका ‘भारत माता की जय’ और ‘सुनील कुमार अमर रहें’ के नारों से गूंज रहा था।

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मनदीप की वीरता की कहानी बताते हुए निर्मल सिंह भावुक हो गए। उन्होंने बताया कि मनदीप 15 दिन पहले अपने घर से छुट्टी बिताकर वापस लौटे थे। उनके पास बुधवार सुबह फोन आया और बताया गया कि मनदीप घायल हो गया है। जब उन्होंने इस बारे में और जानकारी मांगी तो बताया गया कि अभी संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसके बाद दोपहर में उनके पास फिर फोन आया, जिसमें बताया गया कि मनदीप बहादुरी से चीनी सेना से लड़ते हुए शहीद हो गया।

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Web Title shaheded mandeep singh brother nirml singh told story of his martyrdom during galwan valley clash(Hindi News from Navbharat Times , TIL Network)

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