India-China tension: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने चीन के साथ मौजूदा तनाव के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है। पूर्वी लद्दाख में चीनी अतिक्रमण को आधिकारिक तौर पर स्वीकार करने वाले दस्तावेज को रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से हटाए जाने पर उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री में चीन का नाम लेने तक का साहस नहीं है।
Edited By Chandra Pandey | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:
नई दिल्ली
पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर (India-China Border Disputes) जारी तनाव के मुद्दे पर मोदी सरकार के खिलाफ लगातार आक्रामक रुख अपनाए राहुल गांधी ने रक्षा मंत्रालय के एक हालिया दस्तावेज (Defence Ministry Document on Chinese ‘transgression’) के हवाले से सवाल किया है कि प्रधानमंत्री आखिर झूठ क्यों बोल रहे हैं। हालांकि, अब उस दस्तावेज को रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से हटा लिया गया है। दस्तावेज में पहली बार आधिकारिक तौर पर यह स्वीकार किया गया था कि चीनी सैनिकों ने मई में पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की थी और मौजूदा गतिरोध अभी और लंबा खिंचेगा। वेबसाइट से दस्तावेज हटाए जाने के बाद राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर प्रधानमंत्री मोदी पर हमला बोला है।
राहुल ने दागा सवाल, क्यों झूठ बोल रहे हैं प्रधानमंत्री
हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया की रक्षा मंत्रालय के उस दस्तावेज से जुड़ी खबर को ट्वीट करते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री झूठ क्यों बोल रहे हैं?’ दरअसल, पिछले महीने गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई खूनी झड़प के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि न तो कोई भारतीय क्षेत्र में घुसा था और न ही कोई अभी घुसा हुआ है। राहुल गांधी पीएम मोदी के इसी बयान को लेकर उन पर झूठ बोलने का आरोप लगा रहे हैं। गलवान घाटी में हुए खूनी संघर्ष में भारत के 21 जवान शहीद हुए थे जबकि चीन के कम से कम 45 सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन ने अपने सैनिकों के मारे जाने की बात तो कबूली थी लेकिन आधिकारिक तौर पर उसने यह कभी नहीं बताया कि उसके कितने सैनिक मारे गए।
भारत के प्रधानमंत्री में चीन का नाम लेने तक की हिम्मत नहीं: राहुल गांधी
2 दिन बाद ही रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट से चीनी ‘अतिक्रमण’ से जुड़े दस्तावेज को हटाए जाने पर राहुल गांधी ने एक और ट्वीट कर सीधे-सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने लिखा, ‘चीन के खिलाफ खड़े होने की बात तो भूल ही जाइए, भारत के प्रधानमंत्री में उनका नाम लेने तक की हिम्मत नहीं है। चीन के हमारे इलाके में होने से इनकार करने और वेबसाइट से डॉक्युमेंट हटा लेने से तथ्य नहीं बदल जाएंगे।’
क्या था दस्तावेज में?
मंगलवार को रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड हुए दस्तावेज में पहली बार आधिकारिक तौर पर चीनी सैनिकों के भारतीय क्षेत्रों के अतिक्रमण की बात स्वीकार को किया गया था। डॉक्युमेंट में लिखा था, ‘चीनी पक्ष ने 17-18 मई को कुगरांग नाला (हॉट स्प्रिंग्स के उत्तर में पट्रोलिंग पॉइंट 15 के पास), गोगरा (पट्रोलिंग पॉइंट 17 ए) और पैंगोंग सो के उत्तरी किनारे पर अतिक्रमण किया था।’
दस्तावेज में था जिक्र- लंबा चल सकता है मौजूदा गतिरोध
भारत लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर ‘घुसपैठ’ के लिए ‘ट्रांसग्रेशन’ यानी ‘अतिक्रमण’ शब्द का इस्तेमाल करता रहा है। हालांकि, 5-6 मई को पैंगोंग सो इलाके में दोनों देशों के सैनिकों के बीच पहली झड़प के बाद से जारी सैन्य गतिरोध के बाद भारत के किसी भी आधिकारिक बयान या डॉक्युमेंट में ‘ट्रांसग्रेशन’ शब्द का जिक्र नहीं है। डॉक्युमेंट में कहा गया था कि मौजूदा गतिरोध लंबा चल सकता है और जो हालात पैदा हो रहे हैं, उन पर त्वरित कार्रवाई की जरूरत हो सकती है।
रक्षा मंत्री ने मई के अपने इंटरव्यू में कबूली थी चीनी अतिक्रमण की बात
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मई के आखिर में अपने एक टेलिविजन इंटरव्यू में कहा था कि चीन के सैनिक बड़ी संख्या में ‘उस इलाके में अंदर तक आए थे, जहां वे पहले नहीं आया करते थे।’ हालांकि बाद में आधिकारिक तौर पर यह स्पष्ट किया गया कि बयान का यह गतल मतलब न निकाला जाए कि जैसे चीनी सैनिक एलएसी पर भारतीय क्षेत्र में घुस आए हैं।