Modi & Shah are totally fail to control Kuki Maiti differences in Manipur. Is Modi magic has over
Modi & Shah are totally fail to control Kuki Maiti differences in Manipur. Is Modi magic has over

#BJP#Gujrat#UP#MODi#Yogi#IndianPoitics#
आजकल देखा जा रहा है कि राजनीतिक जगत में सब उल्टा पुल्टा हो रहा है। कांग्रेस और बीजेपी दोनों दलों में अंदरखाने गड़बड़ चल रही है। जहां कांग्रेस अपनी अंतर कलह को दूर करने में सफल नहीं हो पा रही वहीं बीजेपी में भी नेतृत्व फेर बदल करने में जुटी है। हाल ही मंे मोदी शाह की जोड़ी ने गुजरात के सीएम विजय रूपानी से इस्तीफा लेते हुए ऐसे व्यक्ति को सीएम बनाया जो गुजरात को संभालने में किसी सूरत में सक्षम नहीं है। नये सीएम भूपेंद्र पटेल पहली बार 2017 में विधायक बने और उन्हें मुख्यमंत्री बनने का शुभ अवसर मिल गया वो भीी मोदी और शाह के आशीर्वाद से।
विजय यप्पानी को सीएम पद से हटाने के पीछे सिर्फ सरकार की विफलता होती तो यूपी में भी योगी सरकार कानून अव्यवस्था, लचर स्वास्थ्य सेवा व पुलिस की मनमानी ने यूपी में रहने वालों की नाक में दम कर रखा है। वहां भी मोदी शाह सत्ता परिवर्तन कर सकते थे। लेकिन यूपी में योगी के खिलाफ मोदी शाह खुलकर कर अनपनी मंशा नहीं थोप सकते है। यहां योगी के समर्थक मोदी समर्थक से ज्यादा योगी भक्त है। जिस तरह कोरोना काल में यूपी के हालात थे उन पर तो सत्ता परिवर्तन तो बनता ही था। अस्पतालों न तो दवा थ्ज्ञी और न ही बेड। और न ही आक्सीजन। मरीज इलाज के लिये दर दर भटक रहे थे। लेकिन उनका इलाज नहीं किया गया। श्मशान घाटों पर शवों का अंबार लग गया। दस दस घंटें परिजनों को अंितम संस्कार के लिये इंतजार करना पड़ा। यहां तक शवों के अंतिम संस्कारों के लिये लकड़ी तक नसीब नहीं हो रही थी। उस पर तुर्रा ये कि केन्द्र सरकार ने लोकसभा में यह बयान दिया कि पूरे देश में कहीं भी ऑक्सीजन की कमी से कोई मौत नहीं हुई। आज भी यूपी के फिरोजाबाद में 60 से अधिक बच्चे डेंगू की वजह से मारे गये है। सरकारी अस्पतालों में बच्चों और रोगियों के लिये बेड नहीं हैं। परिजन अपने बच्चों को पैदल गोद में लेकर अस्पतालों के परिसरों में भटक रहे हैं। रोज बच्चों की मौत के बाद परिजनों की चीख पुकार से परिसर गंूज उठता है। लेकिन सरकार आगामी चुनाव की तैयारी में जुटी है। फिरोजाबाद समेत मेरठ, बुलंदशहर, मथुरा, बाराबंकी कानपुर, बहराइच बस्ती समेत पूरे प्रदेश में डेंगू ने पैर पसार दिये है लेकिन सरकार और स्वास्थ्य विभाग कुंभकरणी नींद में है।
रैलियों में पीएम मोदी योगी तारीफ में पुलिंदे बांध रहे हैं। जनता के दुख और परेशानी से किसी भी सरकार का कोई वास्ता नहीं है। मोदी और योगी दोनों की आंखों पर सत्ता के नशे की पट्टी बंधी हुई है। उसके बाद भी कहा जा रहा है कि यूपी में मोदी और शाह के प्रभाव से ज्यादा योगी की ख्याति अधिक है।
ऐसे ही कुछ हाल गुजरात का भी है इस समय गुजराज बाढ़ की विभीषिका को झेल रहा है। हजारों गांव बाढ़ की चपेट में है। भारी तादाद मे जन धन और मवेशियों की क्षति हुई है। सरकार का नियंत्रण बाढ़ पर कहीं नहीं दिख रहा है। गुजरात में आज जो हालात है तबाही, कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और लापरवाही के हैं। उसके लिये कौन जिम्मेदार है। पिछले 27 साल से गुजरात में भाजपा का शासन है जिसमे काफी साल मोदी सीएम रहीे हैं। इन हालातांे को देख कर एहसास होता है कि गुजरात में भुखमरी, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार का ही बोलबाला है। पिछले 30 सालों में कुछ भी सकारात्मक नहीं हुआ सिवा राम के नाम का दुरुपयेग और अनपढ़ और जाहिल बनाने का अभियान चलाया गया। अधभक्तों की सेना बनाने का काम सरकार और भाजपा ने किया है।

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