भारत और चीन के बीच सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के चैनल खुले होने के बावजूद दोनों ओर से तल्खी बढ़ी हुई है। सीमा पर तनाव कम करने के लिए कूटनीतिक स्तर की कवायद चीन की पैतरेबाजी के चलते कामयाब होती नही दिख रही है। सूत्रों का कहना है कि चीन लगातार वादाखिलाफी कर रहा है। भारत ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह चीन की किसी भी चाल को कामयाब नहीं होने देगा।

चीन का माइंड गेम खतरनाक
व्यापारिक स्तर पर कड़े फैसलों का संकेत देकर भारत ने चीन पर कूटनीतिक दबाव भी बढ़ा दिया है। सूत्रों का कहना है कि गलवान में धोखा देकर भारतीय सैनिकों को मारने के बाद चीन माइंड गेम खेलकर भारत को घेरना चाहता है। वह अपनी गलती मानने को तैयार नहीं है। उसकी ओर से भारत को गलत साबित करने की कोशिश हो रही है। एक तरफ वह बातचीत का दिखावा कर रहा है, दूसरी तरफ भारत के खिलाफ खतरनाक साजिश कर रहा है। भारत के प्रति उसकी भाषा भी भड़काऊ है।

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चीन बार बार उकसा रहा
सूत्रों ने कहा, “बुधवार (17 जून) दोपहर में दोनो देशों के बीच सहमति बनी थी कि दोनों देश आगे कुछ ऐसा नहीं करेंगे जिससे मामला तूल पकड़े, लेकिन चीन ने पूरी गलवान घाटी पर दावा जता दिया।” देर रात भारत ने चीन के इस दावे को अतिरंजित और अस्थिर बताते हुए खारिज कर दिया। साथ ही चीन को दो टूक बता दिया कि उसका ये दावा बातचीत में बनी समझ के विपरीत है।

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जमीन पर दोहरा रुख
गुरुवार (18 जून) को भी चीन ने भारत पर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) का अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह मौजूदा स्थिति का गलत आकलन न करे और चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की दृढ़ इच्छाशक्ति को कम न आंके। ग्लोबल टाइम्स की ओर से भी लगातार भड़काने वाली चीजें प्रकाशित की जा रही हैं। सूत्रों ने कहा चीन का कोई भी दांव सफल नहीं होगा। भारत का रुख अपनी संप्रभुता और सीमा पर चीनी सैनिकों की अवांछित मौजूदगी को लेकर बहुत सख्त है।





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