Ladakh Standoff: भारत-चीन सैन्य हिंसा पर अमेरिका की नजर, कहा- ‘शांतिपूर्ण समाधान को समर्थन’


India-China Stanndoff: भारत और चीन के बीच लद्दाख में हुई हिंसक झड़प पर अमेरिका ने भी नजर बना रखी है। अमेरिका की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि वह दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करता है।

Edited By Shatakshi Asthana | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated:

लद्दाख में खूनी झड़प: भारत ने कहा, चीन का रवैया जिम्मेदार
हाइलाइट्स

  • अमेरिका की भारत-चीन तनाव पर नजर
  • लद्दाख में सेनाओं के बीच हिंसा पर बयान
  • शांतिपूर्ण समाधान समर्थन करेगा USA
  • शहीद सैनिकों के परिवारों से संवेदना
  • गलवान घाटी में भारत के 20 जवान शहीद
  • चीन के 43 सैनिक हताहत, कई घायल

वॉशिंगटन

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निगाहें टिकी हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र के बाद अब अमेरिका ने ‘शांतिपूर्ण समाधान’ की उम्मीद जताई है। अमेरिका के गृह विभाग ने हिंसा में शहीद हुई भारत के जवानों के परिवारों से संवेदना प्रकट की है। बता दें कि लद्दाख में हुई हिंसा में भारत के 20 जवान शहीद हो गए जबकि चीन के भी 43 सैनिक हताहत हुए हैं।

‘शांतिपूर्ण समाधान को समर्थन’

ताजा हालात पर अमेरिका ने कहा है कि भारत और चीन दोनों ने पीछे हटने की इच्छा जाहिर की थी और हम मौजूदा हालात के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन करते हैं। 2 जून को टेलिफोन पर बातचीत के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत-चीन सीमा के हालात पर चर्चा की थी। गृह विभाग के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेनाओं के हालात को मॉनिटर कर रहे हैं। हमें पता चला है कि भारतीय सेना ने अपने 20 जवान शहीद होने का ऐलान किया है, हम उनके परिवारों को सांत्वना देते हैं।’

ट्रंप ने की थी मध्यस्थता की पेशकश

इससे पहले जब भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव गहरा रहा था तब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता की पेशकश की थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिका मध्यस्थता के लिए इच्छुक भी है, तैयार भी और योग्य भी। हालांकि, भारत और चीन ने आपस में बातचीत कर यह सहमति कायम की थी कि लद्दाख में LAC के पास से अपनी-अपनी सेनाएं पीछे हटाई जाएंगी।



UN ने भी चिंता जताई

वहीं, अमेरिका से पहले संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता एरी कनेको ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, ‘भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हिंसा और मौत की खबरों पर हम चिंता प्रकट करते हैं और दोनों पक्षों से अधिकतम संयम बरतने का आग्रह करते हैं।’ बॉर्डर के हालात देखते हुए खुद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने दिल्ली में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ विपिन रावत और तीनों सशस्त्र सेनाओं के प्रमुखों के साथ बड़ी बैठक की है।

लद्दाख में हिंसक झड़प चीन द्वारा एलएसी की यथास्थिति को बदलने की कोशिश का परिणाम: भारतलद्दाख में हिंसक झड़प चीन द्वारा एलएसी की यथास्थिति को बदलने की कोशिश का परिणाम: भारतभारत ने कहा है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प चीन द्वारा एकतरफा तरीके से एलएससी पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश का परिणाम है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि दोनों पक्षों को नुकसान हुआ है और जिसे टाला जा सकता था यदि चीन समझौते का पालन करता। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ‘सीमा के मैनेजमेंट को लेकर भारत जिम्मेदार और स्पष्ट रहा है, एलएसी पर जो भी विकास का काम हो रहा है वह भारतीय सीमा के अंदर ही हो रहा है। हम चीन से भी यही उम्मीद करते हैं। हम पूरी तरह आश्वस्त हैं कि सीमा पर शांति और सौहार्द्र बना रहे और विवादों का हल बातचीत से हो। इसके साथ ही हम भारत की संप्रभुता और सीमा की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं।’

डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

डोनाल्ड ट्रंप (फाइल फोटो)

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