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नई दिल्ली
देश भर में फंसे प्रवासी मजदूरों की समस्या और उन पर आई विपत्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार और देश भर के राज्य सरकारों को नोटिस जारी कर जवाब दाखिल करने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि केंद्र सरकार बताए कि अभी तक प्रवासी मजदूरों के लिए क्या-क्या कदम उठाए गए हैं। अदालत ने कहा है कि अभी तक के प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। प्रवासी मजदूरों के लिए ये कठिन दौर है और इस स्थिति से उबारने के लिए प्रभावकारी ठोस कदम उठाने की जरूरत है। आज की सुनवाई में शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार ये कैसे सुनिश्चित करेगी कि कोई भी प्रवासी मजदूर से जाने के पैसे नहीं मांगेगा। केंद्र ने साथ ही कहा कि जो मजदूर पैदल जा रहे हैं वे अवसाद या कारणों से ऐसा कर रहे हैं।
‘अभूतपूर्व संकट पर अभूतपूर्व कदम’
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ पेश Solicitor General तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि यह अभूतपूर्व संकट है और हम अभूतपूर्व कदम उठा भी रहे हैं।
राज्यों ने प्रवासी मजूदरों को प्रवेश से रोका?
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि प्रवासी मजदूरों को टिकट कौन दे रहा है, उसका भुगतान कौन कर रहा है? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टिकट के पेमेंट के बारे में कंफ्यूजन है और इसी कारण मिडिल मैन ने पूरी तरह से शोषण किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि ऐसी घटनाएं हुई है कि राज्य ने प्रवासी मजदूरों को प्रवेश से रोका है। तब सॉलिसिटर ने कहा राज्य सरकार लेने को तैयार है। कोई भी राज्य प्रवासी के प्रवेश रोक नहीं सकता। वह भारत के नागरिक हैं।
प्रवासियों को घर पहुंचाने तक चलती रहेंगी ट्रेंने-केंद्र
केंद्र की तरफ से सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार मजदूरों के लिए काम कर रही है लेकिन राज्य सरकारों के जरिए उनतक नहीं पहुंच रही है, कुछ दुर्भाग्यपूर्ण घटानएं हुई हैं। सॉलिसिटर जनरल ने कहा केद्र सरकार ने तय किया है कि प्रवासी मजदूरों को शिफ्ट किया जाएगा, सरकार तब तक प्रयास जारी रखेगी जब तक एक भी प्रवासी रह जाते हैं तब तक ट्रेन चलती रहेंगी।
‘1 करोड़ मजदूर जा चुके हैं गांव’
तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी 3700 ट्रेने प्रवासी मजदूरों के लिए चला रखीं है, अभी तक 50 लाख प्रवासी मजदूर अपने गांव जा चुके हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पड़ोसी राज्यों के सहयोग से 40 लाख को सड़क से शिफ्ट किया गया है। मेहता ने कहा कि एक मई से लेकर 27 मई तक कुल 91 लाख प्रवासी मजदूर शिफ्ट किए गए हैं
10 दिन में मजदूरों को घर भेजना चाहिए-SC
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि जब पहचान सुनिश्चित हो जाती है कि प्रावसी मजदूर हैं तो उन्हें भेजने में कितना वक्त लगता है। उन्हें हफ्ते 10 दिन में भेजा जाना चाहिए। इसपर केंद्र के वकील ने कहा कि अभी तक एक करोड़ से ऊपर प्रवासी मजदूर भेजे जा चुके हैं। जो पैदल जा रहे हैं वह अवसाद और अन्य कारणों से ऐसा कर रहे हैं।
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