SBI asked more time to deposite required Electoral bond related doccuments in SC.
SBI asked more time to deposite required Electoral bond related doccuments in SC.

जब से देश में चुनावी चंदे का जिन्न बोतल से बाहर आया है। पीएम मोदी और भाजपा की सांसें ऊपर नीची हो रही है। ये मामला ऐसे समय पर सामने आया है जब कि आम चुनाव सिर पर है। सरकार और भाजपा की साख दांव पर लगा है। सरकार चाह रही है कि किसी तरह ये मामला ठंडे बस्ते में चला जाये। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने नोडल एजेंसी एसबीआई को आदेश किया कि वो चुनावी चंदे से जुड़ी हर जानकारी कोर्ट में 21 मार्च तक पेश करे। इससे पहले एसबीआई ने कोर्ट को बरगलाने की कोशिश की। कोर्ट से चार माह का समय जानकारी देने को मांगा था। लेकिन एससी ने सख्ती दिखाते हुए कहा कि 24 घंटों के भीतर सारी जानकारी कोर्ट मे पेश करें। कोर्ट की सख्ती देख मोदी सरकार के हाथ पांव फूल गये हैं। सरकार और भाजपा को लग गया है कि उनका और उद्योगपतियों के बीच जो गठजोड़ अब सबके सामने आ जायेगा। ये भी सामने आ जायेगा कि मोदी सरकार का फंडा है कि चंदा दो धंधा लो। देश की मेन मीडिया ने तो राजफाश नहीं किया लेकिन स्क्रॉल डाट इन, न्यूज लॉंड्री और न्यूज मिनट ने चुनावी चंदे के धंदे का पर्दाफाश कर दिया जिससे मोदी सरकार की किरकिरी हो रही है।
आपदा में अवसर ढूंढा मोदी सरकार ने
पिछले तीन चार में ऐसे हालात देखने को मिल रहे हैं कि सरकार की नीयत पर हैरानी होती है। ये देखने को मिला है कि चुनावी चंदा देने में वो कंपनियां भी शामिल हैं जो बैंक से कर्जा लेकर दिवालिया हो गयी हैं, लेकिन भाजपा केा चंदा देने में आगे रहती है। इससे साफ हो रहा है कि सरकार ने ऐसी योजना चला रखी है कि बैंकों से पहले कर्जा लीजिये बाद में दिवालिया हो जायें लेकिन चुनावी चंदा भाजपा को जरूर दें। ताकि आपकी शान शौकत वाली जिंदगी बेखटके चलती रहे। कोराना काल में भी सरकार ने आपदा में अवसर ढूंढ ही लिया। बहुत सारी फार्मा कंपनियों उत्पादों को मान्यता नहीं मिली। मानक तय करने वाली संस्थाओं ने उन पर रोक लगाने की बात कही। लेकिन सरकारों ने उन पर रोक नहीं लगायी कारण वहीं कि कंपनियों ने भाजपा को करोड़ों का चुनावी चंदा दिया। हैरत की बात यह है कि जो दवायें आम आदमी के लिये नुकसानदेह साबित हो रही है उनके प्रोडक्शन पर सरकारें कोई प्रतिबंध नहीं लगाती है। वो कंपनियां सत्ताधारी दल को करोड़ों का चंदा दे रही हैं।

Satyapal Malik takes PM Modi & His cabinate on pulwama terrorist attack in 2019
Satyapal Malik takes PM Modi & His cabinate on pulwama terrorist attack in 2019

कानूनों को अपने फायदे के लिये बदला
वर्तमान सरकार ने अपने लाभ के लिये वित्तीय कानूनों में मनचाहा फेरबदल कर खूब रुपया बटोरा इससे भले ही देश के राजस्व में भारी घाटा हुआ लेकिन पार्टी को भारी मुनाफ हुआ। देश की आर्थिक स्थिति गर्त में पहुंच गयी लेकिन सत्ताधारी दल के पास अकूत धनराशि पहुंच गयी। हैरत की बात तो यह है कि जिन कंपनियों के पास अपने कमचारियों के वेतन को पैसा नहीं था वो चुनावी चंदें में करोड़ों दे रहे थे। चुनावी चंदे का जो ब्यौरा एसबीआई ने कोर्ट में पेश किया अससे चौंकाने वाले राजफाश हो रहे हैं। बैंकों से करोड़ों का लोन लेकर डिफाल्टर उद्योगपतियों ने सत्ताधारी दल को करोड़ों का चुनावी चंदा दिया है। ऐसे में मोदी सरकार की नीतियों पर सवाल उठ रहे हैं। यह सवाल किया जा रहा है कि जांच एजेंसियां ऐसी कंपनियां के घरों पर रेड क्यों नहीं डालती हैं। सारी जांच एजेंसियां केवल विपक्षी दलों के नेताओं के घरों पर छापे ही क्यों डालती हैं।
फार्मा कंपनियों ने चुनावी बांड क्यों खरीदे
स्क्रॉल में छपी खबर के अनुसार सिपला कंपनी को फूड एण्ड ड्रग्स विभाग ने 2018 से 22 के बीच दवाओं के फेल होने पर चार नोटिस दिये थे। अगले 2019 में सिपला ने 39.20 करोड़ के चुनावी बांड खरीदे। सरकार ने उनके उत्पादन को रोकने के लिये कोई प्रतिबंध नहीं लगाया। स्क्रॉल में छपी खबर के अनुसार सात फार्मा कंपनियों के उत्पादों के फेल होने पर फूड एण्ड ड्रग्स विभाग के सात नोटिसों का खुलासा किया था। इन सभी कंपनियों ने करोड़ों के चुनावी बांड खरीदे है।

BP medicine Telma
BP medicine Telma
RC cough syrup is sub standard got notice from food & Drugs dept.
RC cough syrup is sub standard got notice from food & Drugs dept.

ग्लेनमार्क और आरसी कफ सीरप कंपनी का पर्दाफाश
महाराष्ट्र्र फूड एण्ड ड्रग्स विभाग ने 2022—23 में ग्लेनमार्क फार्मा को उनकी दवा टेल्मा पर सबस्टैंर्डड होने पर नोटिस दिया था। ये विभाग के परीक्षण में फेल हो गयी थी। टेल्मा ब्लड प्रेशर के रोगियों को डाक्टर लेने की सलाह देते हैं। नवंबर 2022 में कंपनी 9.75 करोड़ के चुनावी बांड खरीदे। इसी कड़ी में अगस्त 2018 में आरसी कफ सीरप को विभाग ने सब स्टैंडर्ड का पाया जिससे उसका सेवन करने वालों को नुकसान होने का पता चला। उस कंपनी ने भी अगले साल 2019 में 14 करोड के चुनावी बांड खरीदे। इसका मतलब ये कि आप कुछ भी करो सरकार को चुनावी बांड के जरिये चंदा दो और धंधा करते रहो। यही है भाजपा की राष्ट्रवादी नीतियां।

Check given Link for More infrmation

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here