नयी दिल्ली। कभी भारत में मुनाफा कमाने वाली बीएसएनएल और एमटीएनएल कंपनियों के हालात बेहाल हैं। इन कंपनियों के कर्मचारियों को छह छह माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। कर्मचारियों से नौकरी छोड़ने के लिये दबाव बनाया जा रहा है। बीएसएनएल के लगभग 60 हजार कर्मचारी अधिकारियों के भविष्य पर संकट गहरा गया है। यह भी सुनने में आ रहा है कि जीवन बीमा निगम के हालात भी बद्हाल होते जा रहे हैं।
सरकार के पास इन दो कंपनियों को बचाने के पैसे भी नहीं है.अभी कुछ दिन पहले खबर आई थी कि दोनों बीएसएनएल और एमटीएनएल को फिर से पटरी पर लाने के लिए 74000 करोड़ के पैकेज को सरकार ने ख़ारिज कर दिया है। लेकिन अब ख़बर आ रही है कि बीएसएनएल और एमटीएनएल बंद होगा। फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस के किरण राठी ने सूत्रों के हवाले से ख़बर की है। यह भी सुनने में आ रहा है कि कुछ लोगों को दूसरी जगहों पर एडजस्ट किया जाएगा और बाकी को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति देकर चलता कर दिया जाएगा।
दोनों कंपनियों को फोर जी नहीं देकर प्राइवेट कंपनी को लाभ दिया गया इस पर बात करने से कोई फ़ायदा नहीं। उन्हें हर बात पर ही लाभ दिया जाता है और लोग इसे सहजता से लेते हैं।
मालूम हो कि पौने दो लाख लोगों को रोज़गार देने वाली कंपनियां बंद हो रही है। भारतीय खाद्य निगम पर तीन लाख करोड़ से अधिक की देनदारी हो गई है। भारतीय जीवन बीमा के भी विलय की बात हो रही है। बीपीसीएल को बेचने की बात हो रही है। सरकार को कोई नहीं रोक सकता है। बिज़नेस स्टैंडर्ड की ख़बर है कि कोरपोरेट टैक्स में कमी के बाद भी इस साल की दूसरी तिमाही में उनकी कमाई घटेगी।