नयी दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और उसके एक खास घटक दल ने भी गठबंधन छोड़ने के संकेत दे दिये है। वैसे तो यह घटक दल कुछ समय से बीजेपी से इत्तेफाक नहीं रख रहा है। फिलहाल ताजा मामला विधानसभा चुनाव में टिकटों के वितरण को लेकर बीजेपी और सहयोगी दल के बीच तालमेल नहीं बन पाया है। आखिरकार सहयोगी दल ने यह ऐलान कर दिया है कि वो दिल्ली विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार नहीं उतारने जा रहा है। सीएए पर भी अकाली दल और बीजेपी के बीच मतभेद है। सूत्र बता रहे हैं कि जल्द ही एनडीए का मजबूत व पुराना घटक छिटक सकता है।

मालूम हो कि अकाली दल मोदी सरकार में सहयोगी घटक दल है। पिछले काफी समय से बीजेपी और अकाली दल के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। पिछले पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान भी दोनों ही दलों के बीच टिकटों के वितरण को लेकर मन मुटाव हुआ था। इतना ही नहीं पंजाब में अ​काली बीजेपी की सरकार भी चली गयी। पंजाब में कांग्रेस की अमरिंदर सिंह सरकार बन गयी। अकाली दल के प्रवक्ता हरचरण बैंस ने कहा कि फिलहाल अभी हम एनडीए के घटक हैं लेकिन सीएए पर हम पूरी तरह से सहमत नहीं हैं। कानून में मुसलमानों को भी नागरिकता देने की बात होनी चाहिये। इस मामले पर हम किसी भी सूरत में समझौता नहीं करने जा रहे हैं।

मालूम हो कि ताजा मामला दिल्ली विधानसभा में अकाली दल अपने चार उम्मीदवार अपने चुनाव चिह्नि तराजू पर उतारना चाह रही थी। लेकिन बीजेपी इस बात के लिये तैयार नहीं हो रही थी। बीजपी चाह रही है कि अकाली दल के प्रत्याशी बीजेपी के चुनाव निशान कमल पर ही चुनाव लड़ें।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here